योग गुरु बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी को फटकार लगाते हुए पतंजलि द्वारा निर्मित दवाओं के प्रचार पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का आदेश जारी किया है, साथ ही एक पुराने आदेश का उल्लंघन करने पर बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्ण के विरुद्ध अवमानना का नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि पतंजलि ने दावा कर देश को धोखा दिया है कि उसकी आयुर्वेदिक दवा कुछ बीमारियों को ठीक करने में कारगर है, जबकि इसके कोई ठोस साक्ष्य मौजूद नही है.
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पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया है कि, पतंजलि ऐसे कोई दवा उत्पाद का प्रचार प्रसार नही करेगी, जिसमे दावा किया गया हो कि जिसमें Drungs and Magic Remidies objectionable Advertisements Act में लिखी गई बीमारियों का उपचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2022 में पतंजलि के एडवर्टिसमेंट के विरुद्ध दाखिल याचिका के बाद भी गुमराह करने वाले एड पर कार्यवाई न करने पर केंद्र सरकार को जमकर फटकारा है.
शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि पूरे देश को धोखे में रखा गया है और बाबा रामदेव और आचार्य बाल कृष्णशास्त्री के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर उनसे 2 हफ्ते में जवाब तलब करने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमे आरोप लगाए गाय थे की योग गुरु और उनकी कंपनी की ओर से कॉविड 19 वैक्सीन अभियान और मॉर्डन मेडिसिन के विरुद्ध एक अभियान चलाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर से ही पतंजलि के हर झूठे वादे पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की चेतवानी दी थी.
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