पंजाब के फिरोजपुर (Ferozpur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)की सुरक्षा में जो चूक का मामला सामने आया, उस पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। घटना को लेकर जमकर राजनीति भी की जा रही है। मामला बढ़ते बढ़ते सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Surpeme Court) ने शुक्रवार को केंद्र और पंजाब सरकार से कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे में हुई सुरक्षा चूक की जांच स्थगित कर दें और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी के दौरे का रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए कहा है।
इस मामले की सुनवाई तीन सदस्यीय पीठ ने की। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि सुरक्षा में हुई चूक एक ‘संभावित अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी’ है और इसमें सीमा पार आतंकवाद” शामिल हो सकता है। केंद्र की तरफ से सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील पेश की। इस दौरान उन्होंने पूरी घटना को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ तक बता दिया।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कृपया, मामले की गंभीरता को समझें। इस चूक की वजह से गंभीर दुर्घटना हो सकती थी। एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ सकता था। ये मामला दुर्लभ से दुर्लभतम है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र-राज्य को मामले की जांच सोमवार तक स्थगित करने को कहा। पीठ ने कहा कि पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनीं। पहले कदम के रूप में हमें उचित लगता है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिए गए। रजिस्ट्रार जनरल के इस काम में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, NIA के महानिरीक्षक या उससे ऊंचे रैंक के अधिकारी मदद करेंगे। साथ ही राज्य सरकार, पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से सभी संबंधित दस्तावेज सुरक्षित रखेंगे।