फीस न भर पाने से IIT में नहीं हुआ एडमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने कराया दलित अतुल दाखिला, कहा- ‘ऑल द बेस्ट’

Dalit Atul Kumar
Source: Google

अगर आपकी मेहनत और लगन सच्ची हो तो गरीबी भी आपको सफलता पाने से नहीं रोक सकती। यह साबित कर दिखाया है यूपी के दलित अतुल कुमार ने। दरअसल, अतुल को आईआईटी धनबाद में इसलिए दाखिला नहीं मिला क्योंकि वह महज 17,500 रुपये नहीं जुटा पाया। छात्र के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, उन्होंने पूरी कोशिश की लेकिन फीस भरने की डेडलाइन चूक गई। छात्र का आईआईटी में दाखिला पाने का सपना अधूरा रह गया। हालांकि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आईआईटी धनबाद को दलित छात्र को दाखिला देने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मेधावी अतुल की योग्यता का आकलन किया और डेडलाइन बीत जाने के बाद भी उसे दाखिला लेने की इजाजत दे दी।

और पढ़ें: बिहार के इस लड़के ने किया कमाल! Google से मिला 2 करोड़ का ऑफर, जानिए कैसे मिली सफलता

आईए जानते हैं अतुल कुमार की कहानी?

खबरों की मानें तो मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के टिटोडा गांव के रहने वाले अतुल कुमार ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की। पहले चरण में अतुल को आईआईटी धनबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में सीट मिल गई। हालांकि, अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण वह कॉलेज की समय सीमा तक अपनी फीस जमा नहीं कर पाए। फीस जमा करने की अंतिम तिथि 24 जून थी। अतुल दलित परिवार से आते हैं; उनकी मां गृहिणी हैं और पिता एक फैक्ट्री में मजदूर हैं। जब तक परिवार गांव से पैसे जुटा पाता, तब तक फीस जमा करने और कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन करने की समय सीमा बीत चुकी थी।

Dalit Atul Kumar
Source: Google

खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

अतुल कुमार का कहना है कि वह सिर्फ ऑनलाइन वेबसाइट पर ही दस्तावेज जमा कर पाया। इसके बाद उसने झारखंड हाईकोर्ट, मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उम्मीद टूटने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 30 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने मामले की सुनवाई की। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने छात्र का हौसला बढ़ाया और कहा कि कोर्ट पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने कॉलेज को नोटिस जारी किया। सीजेआई ने कहा कि हम ऐसे प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते। उसने हर जगह न्याय की गुहार लगाई है। हम उसका आईआईटी धनबाद में एडमिशन का आदेश देते हैं। उसे उसी बैच में दाखिला मिलेगा जिसमें उसे एडमिशन मिलना था। उसके एडमिशन में एकमात्र बाधा यह थी कि वह फीस नहीं दे सकता था।

Dalit Atul Kumar
Source: Google

ऑल द बेस्ट…अच्छा करो

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव से आए 18 वर्षीय छात्र से कहा, ” ऑल द बेस्ट। अच्छा करो।” राहत महसूस कर रहे अतुल ने कहा कि पटरी से उतरी ट्रेन अब पटरी पर आ गई है। मुझे सीट मुहैया कराई गई है। मैं बहुत खुश हूं। कोर्ट ने कहा कि मेरी सीट सिर्फ आर्थिक समस्याओं के कारण नहीं छीनी जा सकती। अतुल ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से मदद मिलने की उम्मीद है।

और पढ़ें: तेलंगाना बाढ़ में एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक का दुखद अंत, जानें कौन थी डॉ. नुनावुत अश्विनी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here