देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी आये दिन अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहते हैं। पिछले दिनों उन्होंने कोरोना वायरस की बेलगाम हो चुकी रफ्तार से उत्पन्न हुए हालात और कोरोना वैक्सीन के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया था। अब उन्होंने देश में लोकतंत्र की हालत को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र खस्ता हाल में…सुधारने के लिए हमने कुछ खास किया भी नहीं।
देश की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के साथ…
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें लिखा हुआ है कि ‘मोदी सरकार ने हमारे देश की सीमा, अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के साथ सौदा किया है।‘ स्वामी की ओर से शेयर की गई तस्वीर में सबसे ऊपर लिखा गया है कि…
लोकतंत्र के 4 स्तंभ
- ऐसा मीडिया जो बिना डरे सरकार से सवाल कर सके
- ऐसी न्यायपालिका जो संविधान को बचा कर रख सके
- विधायिका (विधायक/सांसद) मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हो
- लोगों के एजेंडे पर काम कर उसे सरकार द्वारा लागू करना
उस तस्वीर में नीचे की ओर लिखा गया है कि
- भारतीय मीडिया स्वतंत्रता के नाम पर 142/180 रैंक पर
- भारतीय न्यायपालिका स्वतंत्रता के नाम पर 69/128 रैंक पर
- बीजेपी ने पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा दूसरी पार्टियों के विधायक खरीदे
भारत आय के मामले में 148/193 रैंक पर और भूखमरी के मामले में दुनिया में 94/107 रैंक पर हैं।
सरकार के डेटा के हिसाब से बेरोजगारी 45 सालों में सबसे ज्यादा। रुपया कमजोर होता जा रहा है, दुनिया की अपेक्षा भारत में पेट्रोल पर टैक्स लगातार बढ़ती जा रहे है और सीमा पर देश लगातार कमजोर हो रहा है। मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और सीमा से समझौता किया है।
लगातार उठ रहे सवाल
बता दें, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स (World Press Freedon Index) की आंकड़ो के मुताबिक भारत की मीडिया का स्थान दुनिया में 142 वें नंबर पर है। रुल ऑफ लॉ इंडेक्स (Rule of Law Index) 2020 के हिसाब से भारतीय न्यायपालिका का स्थान दुनिया में 69वें नंबर पर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) के हिसाब से दुनिया के 107 देशों में भारत का स्थान 94 वें नंबर पर हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टिय़ां और सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेता लगातार इन मामलों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।