संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuriya Books) ये नाम इस चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि संजय शेरपुरिया को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार किया है और इस शख्स के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और इस्तेमाल करने की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है. वहीं जांच शुरू होने के बाद ये बात भी समाने आई है कि संजय राय शेरपुरिया बैंक डिफाल्टर भी है. इतना ही नहीं चुनाव में टिकट दिलवाने से लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग और केस रफा-दफा करवाने का भी जुगाड़ करता था और ये काम वो खुद को बीजेपी का बड़ा नेता बताते हुए करता था लेकिन इस शख्स का असली नाम संजय शेरपुरिया नहीं है.
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11 करोड़ की डील से हुआ खुलासा
जानकारी के अनुसार, जो संजय शेरपुरिया धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साथ ही बैंक डिफाल्टर पाया गया है वो शख्स गाजीपुर जिले के शेरपुर गांव का रहने वाला है और दिल्ली में संजय शेरपुरिया के नाम से मशहूर है लेकिन उसका असली नाम संजय प्रकाश राय है. वहीं संजय शेरपुरिया के नाम इस शख्स की पोल तब खुली जब ईडी में चल रही गौरव डालमिया की जांच को मैनेज कराने के लिए संजय ने 11 करोड़ रुपये मांगे और इस रकम को गौरव ने अपने फैमिली ऑफिस ट्रस्ट के खाते से संजय राय की यूथ रूरल एंटरप्रेन्योरशिप के खाते में दो बार में डाली. रिपोर्ट के अनुसार, गौरव किसी के जरिये संजय राय के सम्पर्क में आया और संजय ने दावा किया कि वह जांच रफा-दफा करवा देगा. इसके लिए उसने गौरव से डील करी और पहली 5 करोड़ की रकम 21 जनवरी और दूसरी 6 करोड़ की 23 जनवरी को ट्रांसफर की गयी लेकिन इस बात का पता केंद्रीय जांच एजेंसी को लग गयी. इस डील की जानकारी एसटीएफ नोएडा की यूनिट को दी गयी जिसके बाद संजय राय के बैंक के विवरणों को निकाला गया और उसकी तलाश शुरू की गई और एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
बैंक डिफाल्टर भी है संजय शेरपुरिया
वहीं लखनऊ से गिरफ्तार हुआ संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का डिफाल्टर भी है. संजय प्रकाश राय और उसकी पत्नी कंचन संजय प्रकाश राय की कंपनी पर एसबीआई को 350 करोड़ का चूना लगाने का आरोप है. अहमदाबाद की कांडला एनर्जी एंड केमिकल्स के नाम से संजय की कंपनी ने एसबीआई से लोन लिया था. वहीं संजय शेरपुरिया ये काम दिल्ली में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को करीबी बताकर करता था.
खुद को बताया पीएम मोदी, मोहन भगवत का खास
संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuriya Books) के नाम से संजय राय दिल्ली के हाई प्रोफाइल महफिलों में जाया करता है. पीएम मोदी से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्या, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस चीफ मोहन भगवत समेत कई प्रभावशाली नेताओं के साथ संजय राय की कई सारी तस्वीर हैं और उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर इन्ही सभी तस्वीरों की भरमार है. वहीं संजय राय खुद को केंद्र सरकार के तमाम बड़े नेताओं का करीबी बताता था.
एनजीओ के नाम पर करोड़ों का खेल
संजय राय शेरपुरिया फ़ॉर यूथ नाम से संस्था चलाता है, जिसमे करोड़ो की डोनेशन आती है. केंद्रीय जांच एजेंसी अब संस्था के खातों के ट्रांजेक्शन की जांच में जुटी है. बताया जा रहा है कि संजय राय संस्था के जरिये ही बड़ी रकम खपाता है साथ ही उसने कई शैल कम्पनियां भी बना रखी ह और इन कम्पनियों के जरिये वो ब्लैकमनी को वाइट करता था.
2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने की थी तैयारी
वहीं गिरफ़्तारी से पहले गाजीपुर में इस बात की चर्चा थी कि संजय शेरपुरिया आगामी 2024 चुनाव में बीजेपी से लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद हुई शुरुआती जांच में संजय शेरपुरिया के मोबाइल से लेनदेन के कई चैट मिले हैं, जिस पर यूपी एसटीएफ की लखनऊ व नोएडा यूनिट काम कर रही है.
कौन है संजय शेरपुरिया उर्फ़ संजय राय
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला संजय राय एक नेता, उद्यमी और लेखक (Sanjay Sherpuriya Books) साथ ही यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन का फाउंडर है. कोरोना काल में लकड़ी बैंक की शुरुआत से वह काफी चर्चा में आया था. संजय शेरपुरिया ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘दिव्यदर्शी मोदी’ किताब भी लिखी है और इस किताब की विमोचन के दौरान वो नेताओं के करीब आया और तमाम बड़े नेताओं के साथ मंच सांझा किया है. जहाँ की तस्वीरें उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर हैं.
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