Stock Market Crash Reason Today: सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जो कि वैश्विक व्यापार युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ योजनाओं से जुड़ी चिंताओं के कारण हुआ। इस गिरावट ने प्रमुख वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित किया, और इसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में करीब 4,000 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 50 21,750 के स्तर से नीचे गिर गया था। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
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करीब पौने 11 बजे, सेंसेक्स 2,761.97 अंक या 3.66 फीसदी की गिरावट के साथ 72,602.72 पर था, जबकि निफ्टी 900.85 अंक या 3.93 फीसदी गिरकर 22,003.30 पर कारोबार कर रहा था। इस भारी गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जिनके बारे में हम यहां विस्तार से जानेंगे।
1. वैश्विक बाजारों में बिकवाली और टैरिफ युद्ध का असर- Stock Market Crash Reason Today
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की योजनाओं ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। ट्रंप प्रशासन ने दुनिया भर के 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लागू करने का कड़ा रुख अपनाया है, जिसके कारण बाजार में घबराहट और अनिश्चितता का माहौल है। इस कारण भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ट्रंप के टैरिफ का असर अभी और बढ़ सकता है।
2. मंदी का डर और आर्थिक विकास पर असर
ट्रंप के द्वारा लगाए गए टैरिफ से महंगाई बढ़ने, कॉर्पोरेट लाभ में गिरावट, उपभोक्ता विश्वास पर असर और समग्र आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जेपी मॉर्गन ने अमेरिका और वैश्विक मंदी की संभावना को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। यह मंदी की आशंका निवेशकों को और अधिक सतर्क बना रही है, जिससे बाजार में बिकवाली हो रही है।
3. विदेशी निवेशकों का भारत से पलायन
वैश्विक व्यापार युद्ध के बढ़ते प्रभाव के कारण, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारत से बाहर जा रहे हैं। इस महीने, एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 13,730 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इस बड़ी बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई है, और विदेशी निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ी है।
4. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक और बाजार की प्रतिक्रिया
भारत में निवेशकों को 9 अप्रैल को होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बैठक से भी उम्मीदें हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे ग्रोथ को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, इस फैसले का बाजार पर कैसा असर पड़ेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। निवेशक आरबीआई की नीति घोषणा से पहले सतर्क बने हुए हैं।
5. आने वाले आर्थिक आंकड़े और प्रमुख घटनाएँ
भारतीय बाजारों पर और असर डालने वाली कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ सामने आने वाली हैं। 9 अप्रैल को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक समाप्त होगी, जिसके बाद बाजार की दिशा तय हो सकती है। इसके बाद 11 अप्रैल को भारतीय औद्योगिक उत्पादन (IIP) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े जारी होंगे। इसके अलावा, 10 अप्रैल से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजों के साथ ही कंपनियों का तिमाही वित्तीय परिणाम सत्र शुरू होगा, जो निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
शुक्रवार की गिरावट और अमेरिकी बाजारों का प्रभाव
इससे पहले शुक्रवार को भी भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 930 अंक गिरकर 75,364 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 345 अंक गिरकर 22,904 पर बंद हुआ था। जानकारों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से वैश्विक बाजारों पर दबाव बना और निवेशक बिकवाली की ओर बढ़े। इसके अलावा, टैरिफ के कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई, जो संभावित मंदी की ओर इशारा करता है और इससे बाजारों में घबराहट बढ़ी।