
बीजेपी शासित त्रिपुरा के सीएम बिपलब देब अक्सर अपने बयानबाजियों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। कभी उन्होंने महाभारत के समय में इंटरनेट सेवा और सैटेलाइट कम्युनिकेशन के मौजूद होने की बात कही थी। जिसके बाद उन्हें जमकर ट्रोल किया गया था। वहीं, पिछले दिनों उन्होंने यह कहकर देश की सियासत में हड़कंप मचा दिया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पड़ोसी देशों में भी बीजेपी की सरकार बनाना चाहते हैं। जिसके बाद अब हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका की ओर से इस मामले पर टिप्पणी की गई है।
श्रीलंका चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
बीते दिन सोमवार को श्रीलंका (Election Commission of Sri Lanka) के चुनाव आयोग ने कहा कि देश का चुनाव कानून इस प्रकार के किसी भी तरह के प्रबंधन की इजाजत नहीं देता है। चुनाव आयोग के प्रमुख पंचीवा ने कहा, श्रीलंका का चुनाव कानून किसी विदेशी दल को श्रीलंका में काम करने की अनुमति नहीं देता। उन्होंने कहा, 'श्रीलंका का कोई भी राजनीतिक दल विदेश में किसी भी दल अथवा समूह से संबंध रख सकता है लेकिन हमारा चुनाव कानून किसी अन्य विदेशी दल को श्रीलंका में काम करने की अनुमति नहीं देता।'
दरअसल, पिछले दिनों त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपलब देब ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 का एक किस्सा शेयर किया था, जिसमें तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने देश के बाहर विदेशों में भी पार्टी के विस्तार की बात कही थी। त्रिपुरा की राजधानी में एक सभा को संबोधित करते हुए बिपलब देब ने अमित शाह के इस बयान को सार्वजनिक किया।
उन्होंने कहा, ‘हम स्टेट गेस्टहाउस में बात कर रहे थे जब अजय जामवाल (बीजेपी के नॉर्थईस्ट जोनल सेक्रटरी) ने कहा कि बीजेपी ने कई राज्यों में सरकार बना ली है। इसके जवाब में अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अब श्रीलंका और नेपाल बचे हैं। हमें नेपाल और श्रीलंका में पार्टी का विस्तार करना है और वहां सरकार बनाने के लिए जीतना है।’
देब के इस बयान के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। इस बीच श्रीलंका के चुनाव आयोग के प्रमुख निमल पंचीवा ने खुद आगे आकर इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया।
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