Special trains for Mahakumbh: उत्तर प्रदेश प्रशासन और भारतीय रेलवे ने आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। 13 जनवरी से शुरू होने वाला यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर 45 दिनों तक चलने वाले इस महायोजन के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर उपेंद्र चंद्र जोशी ने बताया कि प्रयागराज जंक्शन, सुबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छेओकी, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम और झूसी स्टेशन पर टिकट काउंटर बनाए गए हैं। इन पॉइंट्स से रोजाना करीब 10 लाख टिकट बांटे जा सकेंगे। महाकुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए 15 दिन पहले टिकट मिलने की व्यवस्था की गई है।
3,000 स्पेशल ट्रेनें- Special trains for Mahakumbh
भारतीय रेलवे ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 10,000 से अधिक नियमित और 3,000 स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इनमें से 560 ट्रेनें रिंग रेल रूट पर संचालित होंगी। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर उपेंद्र चंद्र जोशी ने बताया कि प्रयागराज और आसपास के 9 रेलवे स्टेशनों पर 560 टिकटिंग पॉइंट बनाए जा रहे हैं। इनमें प्रयागराज जंक्शन, नैनी, सुबेदारगंज, और झूसी स्टेशन जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं। इन पॉइंट्स से प्रतिदिन 10 लाख टिकट वितरित किए जा सकेंगे।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा
रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए 18,000 से अधिक आरपीएफ और एसआरपी के जवान तैनात किए हैं। प्रयागराज जंक्शन पर 6-बेड वाले ऑब्जरवेशन रूम तैयार किए गए हैं, जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर, ईसीजी मशीन, नेबुलाइजर, और स्ट्रेचर की सुविधा होगी। इसके अलावा, 1,186 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 116 एआई तकनीक से लैस हैं।
विशेष रूट और ट्रेनें
महाकुंभ के लिए रिंग रूट पर विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। ये ट्रेनें प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी, गोविंदपुरी-प्रयागराज-चित्रकूट, और झांसी-प्रयागराज-माणिकपुर-चित्रकूट जैसे प्रमुख मार्गों पर संचालित होंगी। देश के अन्य हिस्सों से भी विशेष ट्रेनें मैसूर, रांची, पटना, और अहमदाबाद जैसे शहरों से चलेंगी।
प्रधानमंत्री ने बताया ‘एकता का महाकुंभ’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में महाकुंभ को ‘एकता का महाकुंभ’ बताते हुए लोगों से समाज में एकता और सद्भावना का संदेश लेकर लौटने का आग्रह किया।
आधारभूत संरचना और व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं के लिए मेला क्षेत्र में 1.6 लाख टेंट, 1.5 लाख शौचालय, और 1,250 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। क्षेत्र को रोशन करने के लिए 67,000 एलईडी लाइट, 2,000 सोलर लाइट, और 3 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। 15 लाख वर्ग फुट भित्ति चित्र और स्ट्रीट पेंटिंग क्षेत्र को सजाने के लिए तैयार की गई हैं।
चुनौतियां भी कम नहीं
महाकुंभ के भव्य आयोजन के साथ-साथ चुनौतियां भी बड़ी हैं। गंगा नदी के कटान और प्रवाह में बदलाव के कारण आयोजन क्षेत्र में उपलब्ध भूमि कम हो गई है। 2019 के कुंभ में इस्तेमाल की गई 3,200 हेक्टेयर भूमि अब नदी के प्रवाह के कारण उपलब्ध नहीं है।
सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण
नौ पक्के घाट, सात रिवरफ्रंट सड़कें, और 12 किलोमीटर में अस्थायी घाट बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, सात नए बस अड्डे तैयार किए जा रहे हैं।
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