Sisters Passed Police Exam: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की तीन सगी बहनों ने साबित किया कि अगर इंसान में संघर्ष करने की ताकत हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती। पिता की मौत और परिवार की कठिनाईयों के बावजूद इन बहनों ने हार मानने की बजाय खुद को और अपने परिवार को आगे बढ़ाने का रास्ता चुना। यही वजह है कि आज ये तीनों बहनें न केवल अपने परिवार का सपना पूरा कर रही हैं, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं।
पिता की मौत और परिवार के सामने आई कठिनाइयाँ- Sisters Passed Police Exam
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के हसनगंज तहसील के सुंदरपुर गांव में रहने वाले रविंद्र कुमार, जो अनुसूचित जाति से थे, होमगार्ड के पद पर कार्यरत थे। उनका सपना था कि उनकी तीनों बेटियां कल्पना, अर्चना, और सुलोचना पुलिस विभाग में भर्ती हों और उनके पांवों तले कभी कोई मुश्किल न हो। लेकिन 2017 में रविंद्र कुमार की बीमारी के चलते अचानक मौत हो गई, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके निधन के बाद घर की जिम्मेदारी बड़ी बेटी कल्पना के सिर आ गई। पिता की मौत के बाद कल्पना ने खुद को मजबूत किया और मां के साथ मिलकर परिवार को संभाला।
संघर्ष के बावजूद हिम्मत नहीं हारी
पिता की मौत के बाद बड़ी बेटी कल्पना को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली, जिससे घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी थोड़ी हल्की हुई। इसके बावजूद, कल्पना को दिन में नौकरी और रात में पढ़ाई करने की चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने अपनी दो छोटी बहनों अर्चना और सुलोचना को भी सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित किया। अर्चना और सुलोचना ने भी घर के कामकाज के साथ-साथ पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। तीनों बहनों का एक ही सपना था – वे अपने पिता का सपना पूरा करें, जो उनकी पुलिस में भर्ती होने की ख्वाहिश रखते थे।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा और सफलता
जब उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा की तारीख आई, तो तीनों बहनों ने मिलकर आवेदन किया और कड़ी मेहनत की। परीक्षा के दौरान, कल्पना अपनी ड्यूटी के बाद रात में पढ़ाई करती, जबकि अर्चना और सुलोचना भी किताबों के साथ लगी रहतीं। इस कठिन सफर में उनकी मां राजकुमारी और बड़ी बहन कल्पना ने उनका पूरा सहयोग किया। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई और यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का परिणाम आया। तीनों बहनों का चयन हो गया। तीनों बहनों की सफलता ने न केवल उनके परिवार को खुश किया, बल्कि गांव के लोगों को भी गर्व महसूस कराया।
पिता का सपना हुआ पूरा
जब यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का परिणाम आया, तो तीनों बहनों की आंखों में एक नई उम्मीद और खुशी थी। मां राजकुमारी भावुक होकर कहती हैं, “हमारे पति का सपना था कि हमारी बेटियां भी पुलिस की वर्दी पहनें, और आज उन्होंने वह सपना सच कर दिखाया।” तीनों बहनों के चेहरे पर उस पल की खुशी झलक रही थी, जब उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा किया। कल्पना ने बताया, “हमारे पिता का जो सपना था, उसे पूरा करने में हम लगे थे, और आज वह सपना सच हो गया।”
कड़ी मेहनत और समर्पण से मिली सफलता
अर्चना और सुलोचना ने भी अपनी यात्रा के बारे में बताया। दोनों बहनों ने कहा कि उनका सफर इतना आसान नहीं था, लेकिन उनके दीदी (कल्पना) ने उन्हें हमेशा सही मार्ग दिखाया। उन्होंने बताया कि वे उन्नाव के एक लाइब्रेरी में आठ बजे से आठ बजे तक पढ़ाई करती थीं। इस कठिन यात्रा में उनका समर्थन उनकी मां और बड़ी बहन ने किया। तीनों बहनें यह मानती हैं कि अगर उनकी मां और दीदी का सहयोग न होता, तो शायद उनका सपना अधूरा रह जाता।
कभी न भूलने वाली होली
यूपी पुलिस भर्ती का फाइनल रिजल्ट 13 मार्च को आया, जो होली से एक दिन पहले था। जब पूरे देश में लोग अगले दिन की होली की तैयारी कर रहे थे, तीनों बहनें अपनी सफलता का सपना आंखों में लिए रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रही थीं। इस बार होली उनके लिए एक यादगार होली बन गई। तीनों बहनें इस होली को कभी नहीं भूल पाएंगी, क्योंकि इस दिन ने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का तोहफा दिया।
गांव का नाम रोशन किया
गांव वालों ने तीनों बहनों की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने गांव का नाम रोशन किया है। गांव के लोग कहते हैं, “इन तीनों बहनों ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और संघर्ष की भावना हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।”
भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद हुई दोबारा परीक्षा
2023 की यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का परिणाम हाल ही में घोषित हुआ था। पहले परीक्षा में पेपर लीक होने के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया गया था, लेकिन बाद में परीक्षा का पुनः आयोजन किया गया। इस बार परीक्षा में 60244 पदों के लिए 4817441 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
इन तीन बहनों – कल्पना, अर्चना और सुलोचना – ने संघर्ष और कड़ी मेहनत से यह साबित कर दिया कि अगर सपनों में जोश हो और मेहनत में सच्चाई हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता रुकावट नहीं बन सकती। इन बहनों की सफलता हर एक लड़की और युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो जीवन में किसी न किसी कारण से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।