खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के कई जजों को धमकी भेजी गई है। धमकी में ये कहा गया है कि वो यानी वकील पीएम मोदी की मदद ना करें। वकीलों को ये धमकी भरा कॉल इंग्लैंड से मिला और इसके पीछे सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ है।
खबरों की मानें तो वकीलों का दावा है कि ये धमकी भरे कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए हैं। ये सारे ऑटोमेटेड फोन कॉल हैं। कॉल के कहा गया है कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करें। कॉल में कहा गया कि वो पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में हिस्सा ना लें। इन दौरान ये भी दलील दी कि 1984 सिख नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को सजा नहीं मिली है। लिहाजा इस मामले की सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
दर्जन भर से भी ज्यादा वकीलों ने ये धमकी भरी ऑडियो क्लिप मिलने का दावा किया है। यही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस संगठन ने पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की भी जिम्मेदारी ली है। फिलहाल वकीलों को मिलने वाली धमकी का मामला सामने आने के बाद इसकी जांच शुरू की जा चुकी है।
बता दें कि सिख फॉर जस्टिस खालिस्थान समर्थकों का एक संगठन है। भारत ने इस संगठन पर बैन लगा हुआ है। 2007 में ये संगठन बनाया गया था। सिख फॉर जस्टिस भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता है। संगठन पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। इसके तार ISI से भी जुड़े है।