महाराष्ट्र की सियासत में हड़कंप, शिवसेना सांसद संजय राउत ने दी राज्यपाल को चेतावनी!

By Awanish Tiwari | Posted on 4th Aug 2021 | देश
Sanjay Raut, Maharashtra Politics

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की यह सरकार लगातार प्रदेश की विकास के लिए काम कर रही है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और ठाकरे सरकार के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं है।

महाराष्ट्र के अलावा अगर हम गैर बीजेपी शासित राज्यों की ओर रुख करें तो लगभग हर जगह स्थिति कुछ ऐसी ही बनी हुई है। इसी बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को निशाने पर लिया है और सख्त लहजें में उन्हें चेतावनी तक दे डाली है।

पैर खींचने की कोशिश की तो...

आज बुधवार (4 अगस्त) को दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा, ‘राज्यपाल जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को, जिसने संविधान के तहत शपथ ली है, राजनीतिक कारणों से अटकाने का प्रयास ना करें। वो चाहे विधानपरिषद के विधायकों का मुद्दा हो या एमपीएससी संबंधी नियुक्ति का मुद्दा हो। यह एक तरह से राजनीतिक दबाव लाने की कोशिश है।‘

शिवसेना सांसद ने कहा, राज्यपाल ऐसे विवादों में ना पड़ें लेकिन ऐसा होता हुआ महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में लगातार दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, राजभवन सरकार की मदद के लिए होता है, पैर खींचने के लिए नहीं। पैर खींचने की कोशिश की तो आपके ही पैर धंस जाएंगे।

राज्यपाल को गांव का दौरा करने की जरुरत नहीं

संजय राउत ने कहा, राज्यपाल को किसने हस्तक्षेप करने के लिए कहा है, यह देखना पड़ेगा। जो काम मंत्रिमंडल का है, मुख्यमंत्री का है, उन कामों में घुसने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, ‘नवाब मलिक ने जो राज्यपाल के संदर्भ में कहा, वो मैंने सुना है। यह संविधान विरोधी है। राज्यपाल को सरकार के कामों का जायजा लेने का आधिकार है। इसके लिए गांव स्तर पर दौरे करने की जरूरत नहीं है।‘

शिवसेना नेता ने कहा, ‘अन्य राज्यों में भी बाढ़ आई है लेकिन भाजपाशासित अन्य राज्यों में राज्यपाल दौरे करते हुए दिखाई नहीं दे रहे। यह देखने के बाद समझ आता है कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में ही ऐसा क्यों हो रहा है, या ऐसा करने को क्यों कहा जा रहा है।‘

राज्यसभा सांसद ने राज्यपाल को उनका काम याद दिलाया। उन्होंने कहा, राज्यपाल का काम सीमित स्वरुप का है। उन्हें कैबिनेट के सिफारिश से किए गए निर्णय का पालन करना चाहिए और सरकार के कामों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, ऐसा संविधान में लिखा है। वे इन नियमों का पालन करें, यहीं अच्छा होगा।

बाढ़ से जूझ रहा महाराष्ट्र

बताते चले कि महाराष्ट्र के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश सरकार पीड़ितों की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर केंद्र की ओर से बाढ़ ग्रस्तों के लिए ज्यादा से ज्यादा मदद की अपेक्षा जताई है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। जिसे लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी राज्यपाल को निशाने पर ले रही है।

Awanish  Tiwari
Awanish Tiwari
अवनीश एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करतें है। इन्हें इतिहास, पॉलिटिक्स, विदेश और देश की खबरों पर अच्छी पकड़ हैं। अवनीश को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 4 वर्षों का अनुभव है।

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