जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) के निधन की खबर से पूरी दुनिया में शोक की खबर हैं। हर कोई शिंजो आबे की निधन की खबर से निशब्द है। किसी को इस खबर पर यकीन नहीं हो पा रहा। बता दें , (Shinzo Abe) को आज शुक्रवार के दिन एक शख्स ने सरेआम गोली मार दी थी। बाद में शिंजो आबे को अस्पताल लाया गया।लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शिंजो आबे जापान (Japan) नारा शहर में एक चुनावी भाषण दे रहें थे। उसी दौरान उनको गोली मारी गई। जापान पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। दुनिया भर के तमाम बड़े-बड़े राज नेता जापान के प्रधानमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त किया है। भारत के प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर शिंजो आबे की मौत पर एक भावुक पोस्ट लिख कर शोक व्यक्त किया है। साथ ही शिंजो आबे के निधन पर भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक का भी ऐलान कर दिया गया है।
मोदी से शिंजो आबे के रिश्ते बेहद ख़ास
जापान (Japan) के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के रिश्ते भारत के साथ 2014 के बाद से रिश्ते (Shinzo Aabe – India Relation) काफी अच्छे हो गए थे। शिंजो आबे के रिश्ते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से अच्छे दोस्त जैसे थे। यहां तक कि शिंजो आबे, नरेंद्र मोदी को Most Dependable Friend मानते थे। वहीं नरेंद्र मोदी उनको Dear Friend बोलते थे। नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और जापान के रिश्ते पहले से काफी ज्यादा अच्छे हुए। जिसमें सबसे बड़ा हाथ शिंजो आबे और मोदी की केमिस्ट्री का है। इनदोनों नेताओं की केमिस्ट्री एक समय वर्ल्ड पॉलिटिक्स में सुर्खियां बनती थी। इनदोनों नेताओं के आपस में अच्छे संबंध के कारण ही दोनों देशों के रिश्ते ने ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। बता दें , मसलन सॉफ्ट नेशनलिज्म वाली इमेज वाले दोनों नेता शक्तिशाली जनादेश के साथ सरकार में आए और डेवलपमेंट समेत विभिन्न मुद्दों पर अहम फैसलों के लिए जाने जाते हैं। इकॉनमी और विकास पर जोर देने वाले इन नेताओं (Shinzo Aabe – Narendra Modi) के आर्थिक मॉडल को ‘मोदीनॉमिक्स’ और ‘आबेनॉमिक्स’ नाम दिया जा चुका है।
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भारत में बुलेट ट्रेन शिंजो आबे की थी पहल
भारत लंबे समय से बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम करने की प्लानिंग कर रहा था। लेकिन,PM रहते हुए शिंजो आबे की पहल से ही भारत में बुलेट ट्रेन का सपना साकार आख़िरकार हुआ। बता दें, कि गुजरात के अहमदाबाद से महाराष्ट्र के मुंबई तक हाई स्पीड रेल परियोजना जापान के सहयोग से ही संभव हो पा रही है। इस प्रोजेक्ट के लिए भी शिंजो आबे ने जरूरी राशि का कर्ज सुनिश्चित कराया और कर्ज लौटाने के लिए समय की लिमिट को 25 साल से बढ़ाकर आगे कर दिया था। फ़िलहाल भारत में इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम भी जापान के सहयोग से किया जा रहा है। जिसमें शिंजो आबे का सबसे बड़ा योगदान मन जाता है। आबे की लीडरशिप में भारत और जापान के बीच एक्ट ईस्ट फोरम बनाया गया और जापान के साथ ही नॉर्थईस्ट में कई काम शुरू किए हैं। साथ ही जापान और भारत ने मालद्वीप और श्रीलंका में जॉइंट प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इतना ही नहीं, हीं भारत में स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी उन्होंने सहयोग की पेशकश की थी। आबे के कार्यकाल में ही भारत के साथ फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक बनाने का समझौता हुआ।
डिफेंस में महत्वपूर्ण समझौते पर बात बनीं
आबे के कार्यकाल के दौरान,भारत और जापान के बीच साल 2020 में रक्षा मामलों में आपूर्ति और सेवाओं को लेकर हुई पारस्परिक संधि पर हस्ताक्षर हुए। इसके बाद नवंबर 2029 में नई दिल्ली में विदेश और रक्षा मंत्रियों की मीटिंग हुई थी। जिसमें इन सब बातों को रखा गया था। इससे पहले 2008 में सिक्योरिटी एग्रीमेंटमें साइन किया गया था और फिर 2015 में डिफेंस उपकरण और टेक्नोलॉजी को लेकर भारत और जापान के बीच एग्रीमेंटमें साइन किया गया था। इंडो-पेसिफिक आर्किटेक्चर में भारत और जापान करीब आए थे। बता दें , जब 2013 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच रिश्तें ठीक नहीं थे और कई बार भारत-चीन के सैनिक बॉर्डर पर आमने सामने आए थे। इस बीच, जापान ने भारत का साथ दिया था और डोकलाम में हुए विवाद के दौरान भी जापान, भारत के लिए खड़ा दिखाई दिया।
सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी प्रधानमंत्री थे आबे
(Shinzo Abe) सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा करने वाले जापानी पीएम थे। शिंजो आबे 2007 में पहले कार्यकाल के दौरान आबे जब भारत आए तो उन्होंने संसद को संबोधित किया था। संसद में दिया उनका भाषण ‘कन्फ्लुएंस ऑफ टू सीज़’ आज भी बेहद मशहूर है। इसके बाद उन्होनें नरेंद्र मोदी की सरकार में 2014, 2015 और 2017 में भी भारत का दौरा किया था। आबे जब 2015 में भारत आए तो वह मोदी के साथ वाराणसी जाकर गंगा आरती में शामिल हुए थे. एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए दोनों प्रधानमंत्रियों की तस्वीरो ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। वहीं, 2017 में जब आबे अहमदाबाद आए तो पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी शानदार मेजबानी की थी। आबे के ये दोनों दौरे ने वर्ल्ड पॉलिटिक्स में काफी राजनितिक सरगर्मी बधाई थी। वह पहले जापानी पीएम थे, जो 2014 में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में आएं थे। मनमोहन की UPA सरकार हो या मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार दोनों से शिंजो आबे (Shinzo Abe) के रिश्ते (Shinzo Aabe – India Relation) अच्छे रहें।