महाराष्ट्र की उद्धव सरकार चौतरफा घिर चुकी हैं।
गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाए,
वो काफी गंभीर हैं। इसको लेकर अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज होती जा रही है।
विपक्षी पार्टी बीजेपी पूरे मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है। वहीं इस
मामले की गूंज सोमवार को संसद तक पहुंची। इस मामले को लोकसभा और राज्यसभा में
उठाया गया।
देशमुख के बचाव में शरद पवार
वहीं जहां अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग बढ़ती
चली जा रही है, इस दौरान राज्य के गृह मंत्री को एनसीपी प्रमुख शरद पवार का साथ
मिल रहा है। शरद पवार इस पूरे मामले में अनिल देशमुख का बचाव करते हुए नजर आ रहे
हैं। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर कोई
सबूत नहीं होने की बात कही थीं।
वहीं इस मामले को लेकर सोमवार को भी शरद पवार ने
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस दौरान अनिल देशमुख के इस्तीफे से साफ तौर पर
इनकार कर दिया। शरद पवार ने कहा कि अनिल
देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं। उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें दम नहीं।
पवार ने किया ये दावा
साथ में शरद पवार ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान
एक ऐसा दावा भी कर दिया, जिसको लेकर वो खुद घिर गए। दरअसल, एनसीपी प्रमुख ने कहा
कि 5 से 15 फरवरी के बीच में कोरोना की वजह से अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे।
इसके बाद भी वो 16 से 27 फरवरी क्वारटीन में रहें। ऐसे में उन पर सचिन वाजे से
मिलने के जो आरोप लगे वो गलत हैं।
वहीं पवार ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा
कि जहां तक आरोपों पर जांच का मामला है, उस पर फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
लेंगे। वो ये भी बोले कि इन पूरे मामले से महाराष्ट्र सरकार पर कोई असर नहीं
पड़ेगा।
बीजेपी ने पुरानी ट्वीट शेयर कर खोली पोल
जैसे ही शरद पवार ने अनिल देशमुख का अस्पताल में
होने का दावा किया, बीजेपी ने तुरंत ही अनिल देशमख का 15 फरवरी का एक ट्वीट शेयर
कर दिया। इस ट्वीट के मुताबिक महाराष्ट्र के गृह मंत्री 15 फरवरी को अनिल देशमुख
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इसको लेकर बीजेपी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर देशमुख अस्पताल में थे,
तो वो प्रेस कॉन्फ्रेंस को कैसे संबोधित कर सकते हैं?
जब इसका सवाल शरद पवार से किया गया, तो वो भी इसका
जवाब दे नहीं पाए। जवाब देते हुए पवार ने अस्पताल के कुछ कागज दिखाए। इस दौरान पहले तो पवार के स्टाफ ने ये कहा कि देशमुख वीडियो कॉन्फ्रेंस
से मीडिया को संबोधित कर रहे। लेकिन जब उनका ये तर्क नहीं चला। तो पवार ने कहकर
बात घुमाने की कोशिश की कि देशमुख के मामले को हवा देकर असली बात पर पर्दा डाल जा
रहा हैं।
एंटीलिया मामले में ऐसे घिरी उद्धव सरकार
गौरतलब है कि ये पूरा मामला अंबानी के घर विस्फोटक
सामान मिलने से जुड़ा हैं। कुछ दिन पहले मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के
बाहर एक कार में भारी मात्रा में विस्फोटक सामान मिला था। इस मामले की जांच पहले
मुंबई की क्राइम ब्रांच को मिलीं। इस बीच मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत से मामला उलझ
गया। जब इसका जिम्मा NIA को सौंपा
गया, तो केस में कई बड़े खुलासे हुए।
NIA ने जब मामले की जांच शुरू की तो
पुलिस अफसर सचिन वाजे पर शक की सुई घूमी। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई।
जिसके बाद परमबीर सिंह पर कई गंभीर आरोप लगने लगे। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक
बड़ा कदम उठाते हुए परमबीर सिंह का मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर कर
दिया। ट्रांसफर होने के बाद परमबीर सिंह ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर
गंभीर आरोप लगाए। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक लेटर भेजकर ये कहा
कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़
की उगाही करने को कहा था। इस मामले को लेकर ही अब बवाल मचा हुआ है।