Shankaracharya Swami Controversial Statements: उत्तराखंड स्थित ज्योतिष पीठ (ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। उनका रुख हमेशा सख्त और स्पष्ट होता है, चाहे वह राजनीतिक मामलों पर हो, धार्मिक मुद्दों पर या समाजिक न्याय के बारे में हो। उनके हालिया बयानों ने मोदी सरकार के प्रति तीखी आलोचना की है। आइए जानते हैं उनके पांच प्रमुख बयान जो आजकल सुर्खियों में हैं:
सिंधु नदी का पानी रोकने के बारे में बयान- Shankaracharya Swami Controversial Statements
हाल ही में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सिंधु जल समझौते के संदर्भ में कहा था कि इस समझौते को समाप्त करने का दावा करने वाली मोदी सरकार जनता को मूर्ख बना रही है। उनका मानना था कि यह कोई त्वरित समाधान नहीं है और इसे खत्म करने में कम से कम 20 साल का समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले आतंकवादी हमले के जिम्मेदारों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, तभी जनता को सही संदेश जाएगा।
“मोदी सरकार के पास सिंधु नदी का पानी रोकने की कोई व्यवस्था ही नहीं है…इसमें 20 साल लगेंगे।
मोदी सरकार जनता को मूर्ख बना रही है”
: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती pic.twitter.com/bFUNXZ37ro
— Indian Youth Congress (@IYC) April 26, 2025
वक्फ बिल पर मोदी सरकार पर आरोप
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिमों के लिए एक ‘सौगात-ए-मोदी’ है। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक जुमला है क्योंकि आज तक न तो वक्फ संपत्ति सरकारी हुई है और न ही हिंदू समाज को इसका कोई लाभ हुआ है। उनका कहना था कि यह एक राजनीतिक शिगूफा मात्र है और इसका कोई व्यावहारिक असर नहीं होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को लेकर बयान
शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भी विवादास्पद टिप्पणी की। उनका कहना था कि जो लोग अंग्रेजी तारीखों पर अपना जन्मदिन मनाते हैं, वे हिंदू नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की जन्म तिथियाँ अंग्रेजी कैलेंडर से नहीं होतीं, और ऐसे लोग भारतीय संस्कृति से विमुख होते हैं। उनका यह बयान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक कड़ा बयान था, जो आलोचनाओं का केंद्र बना।
गौ हत्या पर प्रधानमंत्री से सवाल
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि यदि वह हिंदू हैं और उनके पास शक्ति है, तो क्यों गौ हत्या पर रोक नहीं लगाते? उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी के पास यह क्षमता है कि वह गौ हत्या को बंद करवा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक दबाव है, और क्यों इस मुद्दे को सुलझाया नहीं जा रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ पर प्रतिक्रिया
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकारी इंतजामों की पोल इस घटना ने खोल दी है। यदि प्रशासन इस तरह के आयोजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा की ठीक से तैयारी करता, तो इस तरह की दुर्घटनाएँ नहीं होतीं। उनका कहना था कि महाकुंभ में लाखों लोग आए थे, और व्यवस्थाओं की कमी के कारण लोगों की जान गई। उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की बड़ी विफलता है, और इसको नैतिक रूप से सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के ये बयान मोदी सरकार पर लगातार दबाव बनाने और उनके निर्णयों की आलोचना करने के रूप में देखे जा सकते हैं। उनका रुख कड़ा है और वह कई मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछते रहते हैं, जो धार्मिक और सामाजिक संदर्भों से जुड़े होते हैं। उनके बयानों से यह साफ है कि वह सरकार की कई नीतियों से असहमत हैं और उन्हें बदलने की आवश्यकता महसूस करते हैं।