Shambhu Border Farmers Protest update: पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलनकारियों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने करीब 13 महीने से धरने पर बैठे किसानों को दोनों बॉर्डर से हटा दिया और उनके बनाए गए टेंटों को बुलडोजर से गिरा दिया। इस कार्रवाई में 800 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया गया, जिनमें प्रमुख किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर भी शामिल हैं।
पुलिस की यह कार्रवाई 19 मार्च को उस समय हुई जब पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच चंडीगढ़ में सातवें दौर की बातचीत चल रही थी। पंजाब सरकार ने अचानक इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के अस्थाई टेंटों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया गया।
बॉर्डर पर पुलिस का ऑपरेशन– Shambhu Border Farmers Protest update
पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डरों से किसानों को हटाने के लिए कई घंटों तक ऑपरेशन चलाया। इस दौरान शंभू और खनौरी दोनों बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल तैनात था। शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं का विरोध भी हुआ, जहां पुलिस ने किसानों और नेताओं के साथ तीखी झड़पें कीं। किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया, जिनमें डल्लेवाल और पंधेर प्रमुख थे। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा की तरफ स्थित सीमेंट बैरिकेडिंग को भी हटा दिया, जिसके लिए हरियाणा पुलिस ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया।
सियासी घेराबंदी
यह कार्रवाई पंजाब सरकार द्वारा अचानक की गई, जिससे किसानों में आक्रोश फैल गया। बिना किसी चेतावनी के पुलिस ने किसानों को खदेड़ दिया, जिससे राजनीतिक विवाद भी बढ़ गया। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया कि यह कदम केंद्र सरकार के साथ बातचीत को विफल करने के डर से उठाया गया, जबकि आम आदमी पार्टी ने जवाब में कहा कि हाइवे पर अड़चनें राज्य की तरक्की में रुकावट डाल रही थीं, इसलिए यह कार्रवाई की गई।
पुलिस तैनाती और इंटरनेट सेवाओं का ठप होना
पुलिस के मुताबिक, पूरे ऑपरेशन के दौरान 2,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे। इस दौरान पंजाब में इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, खासतौर से उन क्षेत्रों में जहां पर यह कार्रवाई हो रही थी। खनौरी और संगरूर-पटियाला क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
किसान नेताओं की गिरफ्तारी
किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा कदम उठाया। जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर और अन्य किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया, और डल्लेवाल को जालंधर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, क्योंकि वे अनशन पर थे।
पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए यह कड़ा कदम उठाया, जिससे आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और अधिक राजनीतिक हंगामा होने की उम्मीद है।