देश में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान 16 जनवरी से शुरू हुआ था। अब तक 22 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को कोविड की वैक्सीन देशभर में लगाई जा चुकी है। इस बीच कोरोना की दूसरी भयंकर लहर ने देश में दस्तक दे दी और वैक्सीन की डिमांड बढ़ने लगीं। अब देश में वैक्सीन की कमी हो गई है, जिसके चलते कई जगहों पर टीकाकरण अभियान पर ब्रेक लग गया।
देश में अब वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ने लगी हैं। फिलहाल तो केवल तीन ही वैक्सीन पर उपलब्ध हैं, जिसमें कोवैक्सीन और कोविशील्ड और रूस की स्पूतनिक वी शामिल है। इसके अलावा विदेशी वैक्सीन को लेकर भी भारत सरकार की बातचीत चल रही है। वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए सरकार विदेशी वैक्सीन निर्माताओं को कुछ संरक्षण दे सकती है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने भी की ये मांग
जिसके बाद अब कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ने भी ऐसी ही मांग सरकार के आगे रख दी हैं। खबरों की मानें तो सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार की मांग की है कि उनके टीकों को लेकर भी कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा दें। खबरों के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से कहा गया है कि अगर विदेशी कंपनियों को किसी क्षतिपूर्ति या मुआवजे से दावे से छूट दी जा सकती हैं, तो फिर हमें क्यों नहीं?
सीरम इंस्टीट्यूट ने सिर्फ अपने ही नहीं देश में वैक्सीन बना रही सभी कंपनियों के लिए इसमें छूट मांगी है। उनकी तरफ से कहा गया कि सभी के लिए नियम एक समान होने चाहिए।
जानिए क्या है इसका मतलब?
इसका मतलब ये है कि वैक्सीन निर्माता कंपनी को कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा मिलना। इसके जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि उन पर देश में कोई भी केस नहीं चलाया जा सकेगा। वैसे अब तक तो भारत सरकार की तरफ से किसी भी कंपनी को ऐसी सुरक्षा नहीं दी गई। हालांकि अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर और मॉर्डना ने भारत सरकार से इसकी डिमांड जरूर की है।
दरअसल, फाइडर और मॉर्डना ने कहा हि क वो भारत में तब ही वैक्सीन का निर्यात करेंगे, जब उनका संपर्क केंद्र सरकार से होगा और कानूनी मामलों से संरक्षण मिलेगा। अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में इन कंपनियों को से सुरक्षा मिली हुई हैं। भारत सरकार की फाइजर और मॉर्डना जैसी कंपनियों के बातचीत लंबे वक्त से अटकी पड़ी हैं, जिसकी वजह से ये वैक्सीन देश में नहीं आ पा रही।
…तो फाइजर-मॉर्डना को सुरक्षा देगी सरकार?
वहीं बुधवार को ऐसी खबरें सामने आईं कि सरकार फाइजर और मॉर्डना की इस डिमांड को मान सकती हैं। खबरों के अनुसार भारत सरकार भी इसके लिए तैयार हो गई। इस तरह की खबरें आने के बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट ने भी सरकार के आगे सुरक्षा देने की मांग रख दी हैं।
वैसे सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से ये मांग पहली बार नहीं की गई है। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाल ने नवंबर 2020 में भी ये मांग की थी। जब वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक व्यक्ति को कुछ समस्या हुई, तो उसने कंपनी पर 5 करोड़ का लीगल नोटिस ठोक दिया। सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट ही नहीं देश में कोवैक्सीन का निर्माण कर रही भारत बायोटेक भी इस तरह की डिमांड सरकार से कर चुकी है।