Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा फेंके गए ईंट-पत्थरों का अब एक सकारात्मक उपयोग किया जाएगा। प्रशासन ने फैसला किया है कि इन ईंट-पत्थरों को नई पुलिस चौकियों के निर्माण में लगाया जाएगा।
हिंसा में इस्तेमाल ईंट-पत्थरों का पुनः उपयोग (Sambhal Violence)
संभल में 24 नवंबर 2024 को एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान हालात बिगड़ गए थे, जिसके कारण बड़ी संख्या में हिंसा हुई और उपद्रवियों ने पुलिस पर घंटों तक पत्थरबाजी की। इस घटना के बाद प्रशासन ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से करीब 6 ट्रॉली ईंट-पत्थर एकत्रित किए थे। इन्हें हटवाने के बाद नगर पालिका के यार्ड में सुरक्षित रखा गया था।
अब संभल पुलिस के एसपी केके बिश्नोई ने यह निर्णय लिया है कि इन पत्थरों का उपयोग जिले में बन रही नई पुलिस चौकियों के निर्माण में किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इन पत्थरों का उपयोग कानून व्यवस्था को मजबूत करने और सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।
किन जगहों पर बनेगी नई पुलिस चौकियां?
जिले में दीपा सराय और हिंदूपुराखेड़ा में नई पुलिस चौकियां बनाई जा रही हैं, जिनके निर्माण में इन्हीं ईंट-पत्थरों का उपयोग होगा। इसके अलावा, संभल जिले में कुल 38 नई पुलिस चौकियां स्थापित की जा रही हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
‘SAFE SAMBHAL’ प्रोजेक्ट के तहत होगा सुरक्षा विस्तार
शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए ‘SAFE SAMBHAL’ प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस योजना के तहत संभल के 200 प्रमुख चौराहों पर फेस आइडेंटिफिकेशन तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी।
प्रशासन का उद्देश्य और लोगों की सुरक्षा
पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि हिंसा में इस्तेमाल किए गए पत्थरों को फेंकने की बजाय समाज की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाना एक उचित कदम होगा। एसपी केके बिश्नोई के अनुसार, सरकार से मिले बजट के साथ-साथ इन पत्थरों का उपयोग करके पुलिस चौकियों का निर्माण किया जाएगा। इससे न केवल सुरक्षा बलों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि अपराध पर भी प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
स्थानीय प्रतिक्रिया और राजनीतिक पहलू
दीपा सराय में बन रही नई पुलिस चौकी का निर्माण मोहल्ला चौक क्षेत्र में हो रहा है, जहां मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी रहती है। इस निर्णय को लेकर स्थानीय स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे प्रशासन की चतुर रणनीति मान रहे हैं, तो कुछ इसे नई पुलिस व्यवस्था के तहत एक मजबूत कदम बता रहे हैं।
संभल में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने न केवल कानून व्यवस्था को बहाल किया बल्कि अब हिंसा में प्रयुक्त ईंट-पत्थरों को सकारात्मक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इससे यह संदेश भी दिया जा रहा है कि जो चीजें विध्वंस के लिए इस्तेमाल की गई थीं, अब वही समाज की सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर बनाने में योगदान देंगी।