Sambhal Police Outpost: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर उठे सवालों और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) के दावों पर प्रशासन ने अपना पक्ष साफ कर दिया है। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने स्पष्ट किया कि यह भूमि नगर पालिका की संपत्ति है और पुलिस चौकी का निर्माण वैधानिक रूप से किया जा रहा है।
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नगर पालिका की संपत्ति पर हो रहा निर्माण- Sambhal Police Outpost
संभल डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि अभी तक जितने दस्तावेज सामने आए हैं, उनमें से किसी के स्वामित्व का वैध प्रमाण नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि यह जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है और इसे सत्यव्रत पुलिस चौकी के निर्माण (Sambhal Satyavrat police post Construction Controversy) के लिए दिया गया है।
The police chowki being made near Sambhal’s Jama Masjid is on waqf land, as the records show. Moreover, construction near protected monuments is prohibited under the Ancient monuments Act. @narendramodi and @myogiadityanath are responsible for creating a dangerous environment in…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 31, 2024
डीएम ने कहा, “अभी तक प्रभावित या विधिक पक्षकार हमारे पास नहीं आए हैं। जो भी दस्तावेज सामने आए हैं, वे रजिस्टर्ड नहीं हैं। अगर कोई वैध दस्तावेज लाकर हमारे पास आता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
ओवैसी ने उठाए सवाल, प्रशासन ने किया खारिज
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दो पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पुलिस चौकी का निर्माण वक्फ बोर्ड की जमीन पर हो रहा है। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार स्कूल और अस्पताल बनाने के बजाय पुलिस चौकी और शराब खाने के निर्माण में पैसा लगा रही है।
संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। @narendramodi और @myogiadityanath संभल में खतरनाक माहौल बनाने के…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 31, 2024
ओवैसी ने प्राचीन स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कुछ दस्तावेज भी पोस्ट किए, जिन्हें प्रशासन ने खारिज कर दिया।
हिंसा और सुरक्षा के चलते शुरू हुआ निर्माण
संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत खाली पड़े मैदान में पुलिस चौकी के निर्माण का निर्णय लिया।
27 दिसंबर से नापतौल के बाद सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य शुरू हुआ। हालांकि, विपक्ष और स्थानीय समुदाय के कुछ वर्ग इस निर्माण को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह निर्माण वक्फ की जमीन पर हो रहा है, जो गैरकानूनी है। वहीं, प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह भूमि नगर पालिका की है और पूरी प्रक्रिया वैध है।
जांच जारी, नियम के तहत होगी कार्रवाई
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि दस्तावेजों की जांच जारी है। संभल के DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति वैध दस्तावेज लेकर आता है, तो मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी तक ऐसा कोई भी पक्षकार सामने नहीं आया है, जिसने भूमि पर स्वामित्व का वैध दावा प्रस्तुत किया हो।