Sambhal Mandir Encroachment: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित मंदिर के पीछे अवैध अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। इस कार्रवाई के तहत, मंदिर के पास स्थित मकान के अवैध हिस्सों को ध्वस्त किया जा रहा है। प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए, मजदूरों को मौके पर भेजा है ताकि इस अवैध निर्माण को तत्काल तोड़ा जा सके।
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अवैध अतिक्रमण की पहचान और कार्रवाई- Sambhal Mandir Encroachment
संभल मंदिर के पास स्थित एक मकान में किए गए अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई प्रशासन ने तेज़ी से शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के दौरान मजदूरों की टीम मकान के अंदर दाखिल हो गई और इसके छज्जों सहित कई हिस्सों को ध्वस्त किया जा रहा है। इस मकान के मालिक मतीन ने स्वीकार किया कि उन्होंने मंदिर के पास अवैध निर्माण किया था, लेकिन अब वह इसे हटा रहे हैं। मतीन ने कहा, “मुझे इस निर्माण का नक्शा नहीं था, इसलिए मैं इसे तोड़ रहा हूं।”
प्रशासन की योजना
प्रशासन ने इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए एक पूरी योजना बनाई है। एएसपी (Additional Superintendent of Police) ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर मकान के अवैध निर्माण की पहचान की है। अधिकारियों ने मकान मालिकों से संपत्ति का ब्योरा भी मांगा है। इसके साथ ही, उन्होंने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को तेज़ करने का आश्वासन दिया है।
एएसपी ने बताया कि यह कदम इलाके में बढ़ते अवैध अतिक्रमणों को रोकने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था और अतिक्रमण को शहर में जगह न मिले। प्रशासन इस बात को लेकर भी सतर्क है कि अवैध निर्माण से धार्मिक स्थलों का अस्तित्व खतरे में न पड़े।
मकान मालिक का समर्थन
मकान मालिक मतीन ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अवैध निर्माण हटाने में प्रशासन का समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि वह मंदिर के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए सहमत हैं और इसके लिए कोई आपत्ति नहीं है। मतीन ने कहा, “जो भी हिस्सा मकान का आगे बढ़ा हुआ है, वह हटा दिया जाएगा। हमने मंदिर का ध्यान रखा है और आगे भी रखेंगे।”
मंदिर का इतिहास
गौरतलब है कि यह मंदिर 1978 से बंद पड़ा था (Sambhal Mandir History)। बिजली चोरी रोकने के लिए जब पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो उन्होंने इस मंदिर को ढूंढा। इसके बाद, 15 दिसंबर को मंदिर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई थी, जिसमें मंत्रोच्चारण और पूजा विधि के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस इलाके में अब किसी भी प्रकार के अवैध अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध निर्माण करने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा हो सके।
सोशल मीडिया पर चर्चा
इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इस कदम को सही मानते हुए इसे एक जरूरी पहल मान रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे केवल एक दिखावा करार दिया है। बावजूद इसके, यह कदम संभल में प्रशासन की सख्त नीति और अतिक्रमण के खिलाफ बढ़ते कदम को दर्शाता है।