सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय का निधन हो गया है और 75 वर्ष में तकरीबन 10.30 बजे सुब्रत रॉय ने आखिरी सांस ली. सुब्रत रॉय की कई दिनों से तबीयत खराब चल रही थी जिसकी वजह से 12 नवंबर को उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 14 नवंबर रात तकरीबन 10.30 बजे सुब्रत रॉय का निधन हो गया.
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बिहार के अररिया में हुआ था सुब्रत राय का जन्म
सुब्रत राय का जन्म बिहार के अररिया में हुआ था लेकिन मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के मूल निवासी थे और इस वजह से उनकी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में हुई. इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए वो गोरखपुर आ गये और 1978 में गोरखपुर में ही सुब्रत रॉय ने अपना प्रारंभिक व्यवसाय शुरू किया था इसके बाद वह लखनऊ में बस गए.
स्कूटर पर नमकीन-स्नैक्स बेचते थे सुब्रत रॉय
सुब्रत रॉय ने अपने करियर की शुरुआत गोरखपुर में नमकीन-स्नैक्स बेचने से की वह अपने दोस्त के साथ लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट नाम का नमकीन बेचा करते थे और इसी बीच उन्होंने बिज़नेस करने का सोचा. 1978 में उन्होंने गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस में सहारा समूह की नींव रखी. वहीं इस तरह ही उन्होने तिनके से ताज का सफ़र तय किया.
दोस्त के साथ मिलकर की थी चिट फंड कंपनी शुरूआत
सबसे पहले सुब्रत राय ने अपन दोस्त के साथ मिलकर चिट फंड कंपनी शुरू की और पैरा बैंकिंग की शुरूआत की. गरीब और मिडिल क्लास को टारगेट किया और देश के कोने-कोने तक उनकी ये स्कीम मशहूर हो गई जिसके बाद लाखों की संख्या में लोग सहारा के साथ जुड़ते चले गए. इसके बाद सुब्रत राय ने रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया , एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रियर एस्टेट, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित कई सेक्टर में अपने बिजनेस को आगे बढाया.
मीडिया से लेकर रियल एस्टेट तक फैलाया बिजनेस
1991 में राष्ट्रीय सहारा नाम का अखबार निकाला. इसके बाद में कंपनी ने सहारा टीवी नाम से अपना चैनल भी शुरू किया और आज के समय में उनकी कंपनी मीडिया से लेकर रियल एस्टेट तक सभी उद्योगों तक फैली हुई थी. वहीं सहारा एक समय में भारत में भारतीय रेलवे के बाद सर्वाधिक नौकरी देने वाली कंपनी थी साथ ही 11 सालों तक सहारा टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा और ये वो समय था जब सुब्रत रॉय के असमान के सितारे बुलंद थे.
क्रिकेट और बॉलीवुड सितारे थे सुब्रत रॉय के दोस्त
वहीं जब सुब्रत रॉय के असमान के सितारे बुलंद थे तब सुब्रत रॉय क्रिकेट और बॉलीवुड सितारों के साथ एक भव्य समारोह की मेजबानी करते थे. वहीँ उनकी पार्टियों में कॉर्पोरेट टाइकून को नियमित रूप से विदेशी नेताओं, भारतीय राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली हस्तियों को देखा जाता था साथ ही अगले दिन अख़बार में सुब्रत रॉय के साथ इन दिग्गज लोगों कि तस्वीरें भी प्रकाशित होती थी. लेकिन एक समय आया जब सुब्रत रॉय के असमान के सितारे धूमिल हो गए.
आईपीएल क्रिकेट टीम समेत एयरलाइन के मालिक भी थे सुब्रत रॉय
सुब्रत रॉय के जहाँ कई दिग्गज लोग दोस्त थे तो वहीँ सुब्रत रॉय के पास एक एयरलाइन, एक फॉर्मूला वन टीम, एक आईपीएल क्रिकेट टीम, लंदन और न्यूयॉर्क में आलीशान होटल थे. इसी के साथ सुब्रत रॉय कई लग्जरी गाड़ियों के भी मालिक साथ ही उनकी सिक्यूरिटी सीएम सिक्यूरिटी से भी ज्यादा था और कहा जाता हैं कि उन्होंने पानी बेटी के शादी में 500 करोड़ रूपये खर्च किए थे और इस शादी में प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गज नेता और बॉलीवुड स्टार शामिल हुए.
इस तरह हुआ सहारा का पतन
सुब्रत रॉय ने अपनी कंपनी के जरिए लाखों ग़रीब और ग्रामीण भारतीयों को बैंकिंग से जोड़ा और इस तरह सहारा ग्रुप विस्तार हुआ लेकिन बाज़ार नियामक सेबी ने जब उनके ख़िलाफ़ क़दम उठाए तो उनका बना बनाया साम्राज्य उजड़ गया. रिपोर्ट के अनुसार, सुब्रत रॉय पर 24,000 करोड़ रुपये के सहारा फंड के कुप्रबंधन का आरोप सामने आया, तो उनकी सारी प्रसिद्धि अचानक से खो गयी. यह मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से क़रीब 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे इसी विवाद के चलते उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. निवेशकों का पैसा वापस करने का उन्हें निर्देश दिया था, जिसके बाद सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल जाना पड़ा था.
इस आरोप की वजह से जेल गये सुब्रत रॉय
सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा. अदालत ने तब कहा था कि जब तक वे पाँच हज़ार करोड़ रुपये नक़द और पाँच हज़ार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा. वहीं इस वजह से उन्हें दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए लेकिन प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था.
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हज़ार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए. सहारा ग्रुप की लंबे समय से बाज़ार नियामक सेबी के साथ लड़ाई जारी रही है और इस तरह से सहारा ग्रुप का पतन हो गया. वहीं इस विवाद से परिवार को बचाने के लिए सुब्रत रॉय ने अपनी पत्नी स्वप्ना रॉय और बेटे सुशांतो रॉय को भारत की नागरिकता को छोड़कर बॉल्कन देश मैसेडोनिया की नागरिकता दिलवाई थी ताकि वो अपने परिवार को भारतीय कानून से दूर रख सकें.
कई करोड़ पैसे छोड़ गए हैं सुब्रत रॉय
वहीं सहारा ग्रुप की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, सुब्रत रॉय के 9 करोड़ निवेशक और ग्राहक हैं और उनकी कुल संपत्ति दो लाख 59 करोड़ रुपए हैं. इसके अलावा उनके पास पाँच हज़ार कैंपस और 30 हजार 970 एकड़ ज़मीन है साथ लखनऊ से लेकर विदेशों तक में उनके ऑफिस, मॉल और इमारत खड़ी हैं. वहीं अब सुब्रत रॉय के निधन के बाद उनकी पत्नी और बच्चे इस कंपनी को संभालेंगे लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई बयान या जानकारी सामने नहीं आई है.
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