Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच एक भारतीय युवक की मौत की खबर सामने आई है। मृतक की पहचान केरल के त्रिशूर जिले के रहने वाले बिनिल (32) के रूप में हुई है। बिनिल के रिश्तेदारों ने दावा किया है कि उन्हें जबरन रूसी सैन्य सेवा में शामिल किया गया था।
मॉस्को में भारतीय दूतावास से सूचना– Russia Ukraine War
बिनिल के रिश्तेदार सनीश ने मीडिया को बताया कि मॉस्को में भारतीय दूतावास ने परिवार को युवक की मौत की सूचना दी। उन्होंने बताया, “यह खबर सुनने के बाद बिनिल की पत्नी जॉइसी सदमे में हैं।” दूतावास से मिली जानकारी के अनुसार, बिनिल रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सैन्य सहायता सेवा के तहत कार्यरत था और युद्ध के दौरान मारा गया।
काम की तलाश में पहुंचे थे रूस
बिनिल और उनके चचेरे ससुर जैन टी 4 अप्रैल 2024 को रूस गए थे। दोनों आईटीआई मैकेनिकल डिप्लोमा धारक थे और इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर के रूप में काम की तलाश में रूस पहुंचे थे। हालांकि, परिवार के अनुसार, रूस पहुंचते ही उनके भारतीय पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया।
युद्ध में जबरन भर्ती और कठिनाईयां
परिवार का दावा है कि बिनिल और जैन को रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरदस्ती भर्ती किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों को उनके मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान से वंचित कर दिया गया, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं।
यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र से बिनिल ने परिवार को सूचित किया था कि उन्हें अग्रिम पंक्ति में युद्ध सेवा के लिए भेजा गया है। इस दौरान उनके परिवार ने उन्हें वापस लाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन इस बीच उनकी मौत की खबर आई।
जैन घायल, अस्पताल में भर्ती
बिनिल के चचेरे ससुर जैन भी युद्ध के दौरान घायल हो गए हैं और उनका इलाज मॉस्को में चल रहा है। परिवार को उम्मीद है कि जैन जल्द स्वस्थ होकर घर लौट सकेंगे।
परिवार की पीड़ा और अपील
बिनिल के रिश्तेदारों ने इस घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है। सनीश ने कहा, “हमने उन्हें वापस लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन यह त्रासदी हो गई।”
जबरन सैन्य सेवा पर सवाल
इस घटना ने रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन सैन्य भर्ती के मुद्दे को उजागर किया है। परिवार के दावे के अनुसार, बिनिल और जैन जैसे अन्य भारतीय नागरिक भी रूस में ऐसी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
बिनिल की मौत और जैन की घायल अवस्था ने भारत में चिंता बढ़ा दी है। मॉस्को में भारतीय दूतावास से परिवार को मिली जानकारी और जबरन सैन्य सेवा के दावों ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है। यह घटना उन भारतीय नागरिकों के लिए चेतावनी है जो विदेश में काम की तलाश में जाते हैं और अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करते हैं।