RTI Activist Kunal Shukla: छत्तीसगढ़ में एक कलेक्टर पर CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का दुरुपयोग कर अपनी एयरहोस्टेस पत्नी को पायलट बनाने और जिले के एक उद्योगपति के चार्टर प्लेन में नौकरी दिलाने का गंभीर आरोप लगा है। RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने इस मामले में आरटीआई लगाकर दस्तावेजों की जांच की, जिसमें कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
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क्या है पूरा मामला? (RTI Activist Kunal Shukla)
आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के एक कलेक्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान CSR फंड का उपयोग अपनी पत्नी को पायलट की पोस्ट दिलाने के लिए किया। उनकी पत्नी को जिले के एक उद्योगपति के चार्टर प्लेन उड़ाने की नौकरी भी दिलाई गई।
छत्तीसगढ़ के एक कलेक्टर ने CSR फंड से भुगतान कर अपनी एयरहोस्टेस पत्नी को पायलेट बना दिया और उसी जिले के एक उद्योगपति के चार्टर प्लेन को उड़ाने की नौकरी में लगवा लिया।
उस दौर में मामले को “पत्रिका” समाचार पत्र ने प्रमुखता से छापा।
मैंने हाल ही में RTI लगा कर उस कलेक्टर के… pic.twitter.com/oEqnJ8tE5t
— Kunal Shukla (@kunal492001) December 28, 2024
इस आरोप को उस दौर में एक प्रमुख समाचार पत्र ‘पत्रिका’ ने उजागर किया था। शुक्ला ने मामले की गहराई से जांच के लिए हाल ही में आरटीआई के तहत कलेक्टर के कार्यकाल में खर्च किए गए CSR फंड की कैश बुक की सत्यापित प्रतियां मांगी थीं।
RTI से क्या हुआ खुलासा?
शुक्ला को सूचना के अधिकार के तहत 46 पन्नों की कैश बुक की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं। उन्होंने दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक खंगाला, लेकिन पायलट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को किए गए किसी भी प्रकार के भुगतान का विवरण कैश बुक में नहीं मिला।
शुक्ला ने जब कैश बुक के पन्नों को फिर से देखा, तो पाया कि 42वें पेज के बाद 43वां पेज कोरा (खाली) था और उसके बाद सीधे 44वां पेज था। उन्होंने इस संदिग्ध गड़बड़ी पर सवाल उठाए हैं।
पहले से थी जानकारी
कुणाल शुक्ला ने बताया कि इस मामले से जुड़ी कई जानकारियां उनके पास पहले से ही थीं। उन्होंने कहा, “जनसूचना अधिकारी को इतना मेहनत करने की जरूरत नहीं थी। कई बार बिना आरटीआई लगाए ही जानकारी मेरी टेबल पर आ जाती है। इस मामले की जानकारी भी मेरे पास पहले से थी।”
क्या है CSR फंड? (What is CSR Fund)
CSR फंड (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड), जिसे हिंदी में “कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी निधि” कहा जाता है, का उपयोग कंपनियों द्वारा समाज के विकास और कल्याण के लिए किया जाता है। यह फंड सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, कंपनियों द्वारा उनके लाभ का एक हिस्सा समाज के हित में खर्च करने के लिए अनिवार्य किया गया है।
CSR फंड का उद्देश्य
CSR फंड का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक असमानता को कम करना, पर्यावरण की सुरक्षा करना, और समाज के कमजोर वर्गों के जीवन में सुधार लाना है। यह फंड शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में खर्च किया जाता है।
इस मामले में कलेक्टर के खिलाफ लगे आरोप न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग का संकेत देते हैं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करते हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
इस मामले ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। शुक्ला द्वारा लगाए गए आरोप और RTI में हुई गड़बड़ी की जांच की मांग की जा रही है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो संबंधित अधिकारी और अन्य शामिल लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
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