किसान आंदोलन पर RSS की टिप्पणी, कहा- सरकार और किसानों के बीच सबकुछ खराब कर रही असमाजिक ताकतें

किसान आंदोलन पर RSS की टिप्पणी, कहा- सरकार और किसानों के बीच सबकुछ खराब कर रही असमाजिक ताकतें

दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) के 4 महीनें पूरे होने वाले हैं। आंदोलन के 4 महीनें पूरे होने पर किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है। किसान सरकार से लगातार नए कृषि कानून को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का बयान सामने आया है। RSS ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए इस मामले पर टिप्पणी की है।

लंबे समय तक आंदोलन चलना किसी के हित में नहीं

बीते दिन शुक्रवार को बेंगलुरु में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) के तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान RSS की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें RSS की ओर किसान आंदोलन पर टिप्पणी की गई है। किसान आंदोलन को लेकर संघ ने कहा है कि कुछ असमाजिक ताकतें लगातार सरकार और प्रदर्शकारी किसानों के बीच सबकुछ ठीक करने के प्रयासों को विफल करने की कोशिशों में जुटी हैं।

RSS की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि समस्या तब और ज्यादा गंभीर जाती है जब देश विरोधी और असमाजिक ताकतें एक समाधान के लिए चल रहे प्रयासों को विफल करने की कोशिश करती हैं। आंदोलन के नेतृत्व को ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देनी चाहिए।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इतने लंबे समय तक आंदोलन चलना किसी के हित नहीं है। समाधान ढूंढने के लिए चर्चा जरूरी है। यह संभव है कि सभी मुद्दों पर सहमति न हो, लेकिन यह जरूरी है कि कुछ समझौतों पर सहमति हो।

राहुल गांधी ने बोला था हमला

बीते दिन असम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने RSS और BJP पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि नागपुर से पैदा हुई ताकत पूरे देश को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। दरअसल, नागपुर में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का हेड ऑफिस है। साथ ही कांग्रेस सरकार ने मोदी सरकार पर महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर हमला बोला था।

26 मार्च को हो जाएंगे आंदोलन के 4 महीने पूरे

बता दें, केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच अभी तक 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है लेकिन हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर 26 नवंबर से ही आंदोलन कर रहे हैं। 26 मार्च को आंदोलन के 4 महीनें पूरे हो जाएंगे। अभी तक आंदोलन में 250 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है। 

किसान नेता अब देश के कई राज्यों में महापंचायतों को संबोधित कर लोगों से किसान आंदोलन का समर्थन करने की मांग करते नजर आ रहे हैं। किसान नेता चुनावी राज्यों में भी दौरा कर लोगों से बीजेपी को वोट न देने की अपील कर रहे हैं। किसानों का प्लान है कि हर जगह से बीजेपी का बहिष्कार करके सरकार का दंभ तोड़ा जाए।

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