केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ अब केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को लेकर अपने सहयोगियों के भी निशाने पर है। RSS से जुड़े कुछ संगठनों ने पिछले महीनों इस कानून को लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी थी। अब बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद और आरएसएस नेता ने केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को निशाने पर लिया है। आरएसएस नेता रघुनंदन शर्मा (Raghunandan Sharma) ने कहा है कि सत्ता का अहंकार नरेंद्र सिंह तोमर के सिर चढ़ गया है।
बूंद-बूंद से घड़ा खाली होता है…
आरएसएस नेता ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘प्रिय नरेंद्र जी, आप भारत शासन में सहयोगी एवम सहभागी हैं। आज की राष्ट्रवादी सरकार बनने तक हज़ारों राष्ट्रवादियों ने अपने जीवन और यौवन को खपाया है। पिछले 100 वर्षों से जवानीयाँ अपने त्याग समर्पण और परिश्रम से मातृभूमि की सेवा तथा राष्ट्रहित सर्वोपरि की विचार धारा के विस्तार में लगी हुई है।‘
उन्होंने अपने पोस्ट के जरिए कहा कि ‘आज आपको जो सत्ता के अधिकार प्राप्त हैं, वे आपके परिश्रम का फल है, यह भ्रम हो गया है। सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता, वह अदृश्य होता है जैसा अभी आपके सिर पर चढ़ गया है। आरएसएस नेता ने कहा आप प्राप्त दुर्लभ जनमत को क्यों खो रहे हो? कांग्रेस की सभी सड़ी गली नीतियाँ हम ही लागू करें यह विचार धारा के हित में नहीं है। बूंद बूंद से घड़ा खाली होता है, जनमत के साथ भी यही है।‘
‘राष्ट्रवाद को बलशाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ’
RSS नेता रघुनंदन शर्मा (Raghunandan Sharma) ने आगे लिखा कि ‘आपकी सोच कृषकों के हित की हो सकती है परंतु कोई स्वयं का भला नहीं होने देना चाहता तो बलात् भलाई का क्या औचित्य है। कोइ नंगा, नंगा ही रहना चाहता तो बल पूर्वक कपड़े क्यों पहनाना? आप राष्ट्रवाद को बलशाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ, कहीं हमें बाद में पछताना ना पड़े। सोचता हूं विचार धारा के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकेत समझ गए होगें।‘
बता दें, रघुनंदन शर्मा काफी पहले से भारतीय जनता पार्टी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े हैं। वह मध्यप्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र सरकार और कृषि मंत्री को निशाने पर लिया है औऱ साथ ही सत्ताधारी पार्टी को कई तरह की नसीहतें भी दी है।