आरएसएस (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (Dr Mohan Bhagwat) मथुरा वृंदावन पहुंचे हैं. जहाँ पर उन्होंने परमपूज्य प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. जहाँ प्रेमानंद जी महाराज जी से मिलने के लिए अभी तक कई बड़ी शख्सियत उनके दरबार में आ चुके हैं तो वहीँ प्रेमानंद जी महाराज जी से मुलाकात करने वालों की लिस्ट में RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का नाम भी जुड़ गया है.
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RSS के प्रमुख ने लिया प्रेमानंद जी महाराज का आशीर्वाद
RSS के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत महाराज को माला आदि पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया और दर्शन कर प्रसन्न और आनंदित हुए और इस बीच बौद्धिक और आध्यात्मिक चीजों पर चर्चा हुई. प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात के दौरान मोहन भागवत ने महाराज से कहा कि आपकी बातें वीडियो में सुनी थी, जिससे लगा कि एक बार दर्शन कर लेना चाहिए. ‘चाह गई चिंता मिटी…मनवा बेपरवाह’ आप जैसे लोग कम देखने को मिलते हैं. वहीं प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अपने लोगों का जन्म केवल व्यावहारिकी और आध्यात्म सेवा के लिए हुआ है. ये दोनों ही सेवाएं अनिवार्य हैं. हम भारत के लोगों को परम सुखी करना चाहते हैं और इसे केवल वस्तु और सेवा से नहीं किया जा सकता बल्कि इसके लिए उनका बौद्धिक स्तर भी सुधरना चाहिए.
आज हमारे समाज का बौद्धिक स्तर गिरता जा रहा है, जोकि चिंता का विषय है. हम लोगों को सुविधाएं या विविध प्रकार के भोग सामग्रियां दे देंगे लेकिन उनके हृदय की मलीनता है, हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है. इसे जब तक ठीक नहीं किया जाएगा चीजें तब तक नहीं बदलेगी.
हमारी जो नई पीढ़ी है, वह राष्ट्र की रक्षा करने वाली है. आज जो विद्यार्थी हैं, इन्हीं में कोई एमएलए बनेगा, कोई एमपी बनेगा, कोई प्रधानमंत्री बनेगा तो कोई राष्ट्रपति बनेगा. लेकिन नई पीढ़ी में व्यभिचार, व्यसन और हिंसात्मक प्रवृत्ति को देख बहुत असंतोष होता है. हमारे जीवन का लक्ष्य यही है कि, हम जितना भगवान राम और कृष्ण प्रिय हैं, उतना ही देश भी प्रिय है. लेकिन अब देश में जो मानसिकता उभर रही है, वह देश और धर्म दोनों के लिए सही नहीं है.
इसी के साथ मोहन भागवत ने कहा कि मैंने तीन दिन पहले नोएडा में एक संबोधन के दौरान यही बातें रखी थीं. मैं आप लोगों से जो सुनता हूं, वही बोलता हूं और वही करता भी हूं. कोशिश तो हम हमेशा करेंगे लेकिन निराश कभी नहीं होंगे क्योंकि जीना इसी के साथ है और मरना इसी के साथ. लेकिन यह चिंता मन में आती है कि, होगा क्या ?
वहीं मोहन भागवत के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए महाराज जी बोले- क्या हम श्रीकृष्ण पर भरोसा नहीं करते. क्या भगवान के भरोसे में कमी है. यदि भरोसा दृढ़ है तो सब परम मंगल होगा. सृजन, पालन और संहार भगवान की ये तीन प्रकार की लीलाएं हैं, जिस समय जैसा आदेश होगा भगवान का हम वैसा ही करेंगे.
राधा रानी के भक्त हैं श्री प्रेमानंद जी महाराज
आपको बता दें, वृंदावन में रहने वाले श्री प्रेमानंद महाराज जी खुद को राधा रानी का भक्त और उन्हें अपना ईश्वर मानते हैं. महाराज जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं साथ ही बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन करते हैं,. महाराज जी राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है और इन सत्संग में कई सारे अच्छी बातें भी बताते हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी को जहाँ किडनी की समस्या है लेकिन इस समस्या के बाद भी राधा रानी की सेवा में लगे रहते हैं.
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