पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है और ये खबर पांच राज्यों में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बाद मिले 1760 करोड़ रुपये को लेकर है. दरअसल, पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में नोट के जरिए वोट मांगे जा रहे हैं और ये तब हो रहा है जब पांचों राज्यों में आचार सहिंता लगी हुई है.
चुनाव के बीच पकड़ा गया भारी मात्रा में कैश
जानकारी के अनुसार, सोमवार को चुनाव आयोग ने एक रिलीज़ जारी कर कहा था कि इन पांचों राज्यों में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब तक 1760 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित सामान पकड़े गए हैं. वहीं तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है. इसी बीच गुरुवार को पुलिस ने रंगारेड्डी के गच्चीबाउली से एक कार से पांच करोड़ रुपये कैश बरामद किया है. वहीं जब कार चालकों से इस कैश के बारे में पूछा गया, तो वे इस कैश का कोई हिसाब नहीं दे पाए. पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है.
चुनाव आयोग ने दी कैश मिलने की जानकारी
वहीँ इस मामले के बीच चुनाव आयोग ने बताया है कि 5 राज्यों में चुनाव के ऐलान के बाद से अब तक करीब 1760 करोड़ रुपये का बेहिसाब कैश जब्त किया गया है और यह 2018 में चुनाव से मिले कैश से 7 गुना ज्यादा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, चुनाव ऐलान के बाद एमपी, मिजोरम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान से 1760 करोड़ रुपये से ज्यादा की जब्ती की गई है. जबकि 2018 में इन्हीं राज्यों से 239.15 करोड़ रुपये की जब्ती हुई थी. वहीं इससे पहले गुजरात, हिमाचल, नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक में चुनाव आयोग ने 1400 करोड़ रुपये का बेहिसाब कैश जब्त किया था. यह पिछले चुनाव में जब्त किए गए कैश से 11 गुना था.
2019 के लोकसभा चुनावों के बाद बढ़ रहे हैं मामले
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स/इलेक्शन वॉच के मुताबिक पिछले साल भी गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक समेत छह राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पकड़े गए प्रोहिबिटेड सामानों की वैल्यू करीब 1400 करोड़ थी, जो 2017 में इन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के मुकाबले ग्यारह गुना ज़्यादा थी.
आपको बता दें, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से ही चुनावों में प्रतिबंधित सामानों की ज़ब्ती बढ़ती जा रही है. पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान प्रतिबंधित सामानों की कुल ज़ब्ती 3400 करोड़ के आसपास थी, जबकि इस साल सिर्फ 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के दौरान ज़ब्ती 1760 करोड़ तक हो चुकी है. ये दिखाता है कि मनी पॉवर का इस्तेमाल चुनावों में लगातार बढ़ता जा रहा है.
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