खाकी वर्दी के दामन पर एक बार फिर से असंवेदनशीलता का दाग लगा है। एक दारोगा की करतूतों से एक बार फिर पूरे पुलिस विभाग शर्मसार हुआ। वर्दी के घमंड में चूर RPF के एक जवान ने गरीब परिवार के साथ बदसलूकी की। जवान की बेरहमी एक मासूम बच्ची पर भारी पड़ गई।
मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। यहां दारोगा जी आए तो थे VIP शौचालय के पास अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटवाने के लिए, लेकिन इस दौरान जो उनका रवैया था वो बेहद ही असंवेदनशील था।
दरअसल, मामला कुछ ऐसा ही कि चारबाग स्टेशन के बाहर VIP शौचालय के कई कुछ मजदूर सालों से पॉलिशन डालकर रह रहे थे। शनिवार को RPF की एक टीम उन्हें वहां से हटाने के लिए पहुंचीं।
उस दौरान रेखा नाम की एक महिला चूल्हे पर खाना पका रही थीं। तब RPF की टीम ने वहां पहुंचकर तुरंत ही जगह को खाली करने को कहा। जिसके बाद आनन-फानन में मजदूर अपना सामान समेट ही रहे थे। उन्होंने पुलिस से खाना पकने तक का रुकने को कहा, लेकिन दारोगा जी इसी दौरान आगबूबला हो गए और उन्होंने बेरहमी से चूल्हे पर लात मार दी, जिसमें दाल पक रही थीं।
इस दौरान चूल्हे पर रखा प्रेशर कूकर दूर जाकर गिरा और उसमें खौलती हुई दाल की कुछ छीटें वहां खेल रहे एक साल के मासूम बच्ची के ऊपर जाकर गिर गई। गर्म दाल गिरने की वजह से बच्ची तड़तपी हुई रोने लगी। बताया जा रहा है कि इस घटना में उसका हाथ झुलस गया और बड़े बड़े छाले भी पड़ गए। बताया जा रहा है कि इस दौरान दारोगा ने उनका सारा सामान भी उठाकर फेंक दिया था। बता दें कि रेखा और उसका परिवार स्टेशन से शव उठाने का काम करते हैं।
वहीं जब इस मामले को लेकर जब विवाद बढ़ने लगा, तो इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। घटना पर RPF इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने कहा कि रेखा व उसका परिवार अवैध रूप से रह रहा था। उनको वहां से हटने के लिए कहा था। कुकर पर लात लगने से सिर्फ कुछ छींटे ही मासूम पर गिरी, झुलसने जैसी बात नहीं।
इस पूरी घटना को लेकर एक बार फिर खाकी वर्दी सवालों के घेरे में आ गई। लोग RPF जवान की इस अमानवीयता पर सवाल उठा रहे हैं। वो पूछ रहे हैं कि इस तरह का बर्ताव करने का हक उन्हें किसने दिया? माना RPF के जवान अपना काम कर रहे थे, लेकिन गरीब परिवार के निवाले पर लात मारना क्या काम करने का सही तरीका है?