बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में स्थिति कुछ ठीक नहीं है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बगावती सुर ने बिहार की सियासत को अंदर तक हिला कर रख दिया है। आरजेडी बिहार के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ उनकी बयानबाजी भी लगातार सुर्खियों में है।
उन्होंने जगदानंद सिंह पर आरजेडी के संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। बीते दिन वह तेजस्वी यादव से मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन बात नहीं हो पाई, जिसके बाद से वह काफी नाराज बताए जा रहे हैं। मीडिया के सामने भी उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने पहली बार अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को लेकर बयान दिया है।
तेजस्वी पर बोला हमला
खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताने वाले तेजप्रताप अब पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते दिख रहे हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं, ऐसे में उन्हें बाढ़ पीड़ितों के बीच होना चाहिए। लेकिन अपने सलाहकार संजय यादव की सलाह पर वो बाढ़ पीड़ितों को छोड़कर दिल्ली चले गए।
आरजेडी में मचे इस बवाल को लेकर बिहार की राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि इस बार शायद स्थिति जल्दी सामान्य नहीं हो पाएगी। क्योंकि कथित तौर पर तेजप्रताप ने ठान लिया है कि जो लोग उन्हें इग्नोर करेंगे या फिर उनसे पंगा लेंगे उन्हें वो पूरी तरह से एक्सपोज करेंगे। भले ही सामने उनका छोटा भाई ही क्यों न हो!
2 लोगों को बताया महाभारत का किरदार
बिहार के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को महाभारत का शिशुपाल और तेजस्वी यादव के सलाहकर संजय यादव को तेजप्रताप ने दुर्योधन बताया है। एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छात्र राजद के अध्यक्ष को बिना नोटिस देकर हटा देना पार्टी संविधान के खिलाफ है। जगदानंद सिंह पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं।
तेजप्रताप यादव का कहना है कि वह तेजस्वी से बात करेंगे। उनके इर्द गिर्द चाटूकार घिरे हुए हैं और अगर पार्टी का यहीं रवैया रहा तो तेजस्वी सीएम नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा ऐसे लोग जबतक तेजस्वी के आसपास रहेंगे हमारा अर्जुन कामयाब नहीं होगा और बिहार का सीएम नहीं बन पाएगा।