मां और भगवान में कोई फर्क नहीं है। मां…भगवान की एक जीती-जागती स्वरुप है जिसके साये में इंसान दुनिया को देखता और समझता है। पहली गुरु के रुप में मां ही वह शख्स होती है जो अपनी ममता के छांव में अपने बच्चे को हर चीज का बोध कराती है।
लेकिन आज के इस रीढ़विहीन समाज में ऐसा लगातार देखने को मिलता रहता है कि बड़े होने, शादी होने और अच्छी नौकरी होने के बावजूद बच्चे अपने मां-बाप को खुद से दूर कर देते हैं। कुछ लोग उन्हें वृद्धा आश्रम छोड़ आते हैं तो वहीं, कुछ लोग भगवान के भरोसे छोड़ देते हैं।
ऐसा ही एक मामला देश के सबसे ज्यादा साक्षर राज्य केरल में देखने को मिला। जब बच्चों ने एक रिटायर्ड महिला शिक्षक जो उनकी मां थी, उन्हें दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया। जिसके बाद जीवन यापन करने के लिए वह रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने लगी।
फिर एक दिन एक सरकारी कर्मचारी की मदद से उस रिटायर्ड शिक्षिका को मान-सम्मान सहित वह सबकुछ मिला, जिसके बारे में उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। आईए जानते हैं क्या है पूरी कहानी…
फटे पुराने कपड़ों के साथ स्टेशन पर मिली
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक सरकारी कर्मचारी विद्या एमआर अपने एक दोस्त से मिलने शहर के रेलवे स्टेशन पर गई। रेलवे स्टेशन के बाहर उन्होंने कटे-फटे कपड़ों में एक बूढ़ी औरत को बैठा देखा।
जिसके पास पानी की बोतल और कपड़ों के पुराने टुकड़ों के साथ पॉलीथीन बैग के एक जोड़े थे। विद्या ने आउटलुक को बताया कि वह पास के पेड़ से छोटे-छोटे फल तोड़ कर खा रही थी।
जिसके बाद विद्या ने बूढ़ी औरत से पूछा- ‘क्या आपको खाना चाहिए?’
जिसके जवाब में उस औरत ने कहा- ‘नहीं’
रिटायर्ड शिक्षक थी भीख मांगने वाली महिला
बावजूद इसके विद्या एमआर नजदीक के एक रेस्तरां में चली गई और उनके लिए इडली और वड़ा लेकर लौटी। खाने का सामान देने के साथ विद्या ने उस महिला से उनके ठिकाने के बारे में पूछा।
महिला ने उनके सारे सवालों के जवाब दिए। बूढ़ी महिला के साथ बातचीत में विद्या को पता चला कि भीख मांगने वाली वह महिला एक रिटायर्ड शिक्षक थी, जो उत्तरी केरल के मलप्पुरम जिले के एक स्कूल में वर्षों तक काम करती थी।
महिला की बातों को सुनकर विद्या आश्चर्यचकित थी। जिसके बाद उन्होंने उस महिला की कुछ तस्वीरों को क्लिक किया और फेसबुक पर पोस्ट किया। साथ ही उन्होंने बूढ़ी महिला के साथ हुई पूरी घटना के बारे में भी बताया।
वलसा है उस महिला का नाम
विद्या ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा…
‘भूख लगी है क्या?’ मैंने पूछा
‘नहीं’ जवाब
‘कुछ खाने के लिए चाहिए’
वो आंखे बस चमक उठीं।
‘क्या आपके पास यह है’
उन्होंने वाहन के सामने हेयर ऑयल पैकेट की ओर इशारा करते हुए कहा…
इस बातचीत में विद्या को पता चला कि वह महिला मलप्पुरम के इस्लामिया पब्लिक स्कूल में गणित की टीचर थी। जिसका नाम वलसा है और घर तिरुवनंतपुरम में पेटा में है। विद्या ने उनकी कुछ तस्वीरे क्लिक की। जिसके बाद वह रिटायर्ड महिला शिक्षक हाथ में पुराने पॉलीथीन की थैली लेकर धीरे-धीरे भीड़ में गायब हो गई।
विद्या ने किया सोशल मीडिया पर पोस्ट
विद्या ने अपनी पोस्ट में लिखा मुझे यकीन नहीं है कि उसका संस्करण पूरी तरह से सच है या नहीं। लेकिन इस बात का मुझे यकीन है कि वह सड़क पर एक पागल महिला नहीं है। वह वास्तव में एक शिक्षित महिला है। अगर महिला ने जो कहा वह सच है तो काश मलप्पुरम स्कूल का कोई व्यक्ति उसे पहचानता। देखते ही देखते विद्या की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
मदद के लिए आगे आए पुराने छात्र
शिक्षक के पुराने छात्रों ने उन्हें पहचान लिया और उनकी मदद के लिए आगे आए। जिसके बाद विद्या ने एक बार फिर से फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से उस शिक्षक को ढूंढने की अपील की। शिक्षक मिली और उन्हें पास के पुलिस थाने ले जाया गया।
जिसके बाद डिप्टी कलेक्टर दिव्या एस अय्य की नेतृत्व वाली एक टीम ने उसे तिरुवनंतपुरम निगम द्वारा चलाए जा रहे वृद्धाआश्रम ले गई। अब वह रिटायर्ड शिक्षक खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रही है।