बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। अफसर से राजनेता बने पांडे की कई वीडियो क्लिप और तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कुछ तस्वीरों में वह मंत्रोच्चारण करते दिख रहे हैं, तो कुछ वीडियो क्लिप्स में वह राजनेताओं को ब्यूरोक्रेट से बेहतर बताते दिख रहे हैं।
इसी बीच पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने पूर्व डीजीपी की वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए, उन्हें निशाने पर लिया है। सिंह ने कहा है कि उन्होंने लालच में पूरी नौकरशाही को नीचा दिखा दिया।
जानें क्या है पूरा मामला?
पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से गुप्तेश्वर पांडे की वायरल वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए कहा, ‘राजनीतिक महत्वाकांक्षा में आपने पूरी की पूरी नौकरशाही को नीचा दिखा दिया? गुप्तेश्वर पांडे जी, आपको शर्म आनी चाहिए।‘ वायरल वीडियो क्लिप में गुप्तेश्वर पांडे नेताओं को बेहतर बताते दिख रहे हैं।
वीडियो क्लिप में उन्होंने कहा, ‘मेरे से कोई बढ़िया से बढ़िया अधिकारी भी हो न, खराब से खराब नेता हो जिसे आप सबसे ज्यादा खराब नेता मानते हैं। ऐसे नेता जो किसी से मिलते नहीं और किसी की सुनते नहीं। खराब से खराब नेता भी बढ़िया से बढ़िया ब्यूरोक्रेट से अच्छा है।‘
राजनीतिक महत्वाकांक्षा में आपने पूरी की पूरी नौकरशाही को नीचा दिखा दिया?
गुप्तेश्वर पांडे जी, आपको शर्म आनी चाहिए।pic.twitter.com/KlPwPjV0cW
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) July 1, 2021
सोशल मीडिया पर आ रही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं
पूर्व डीजीपी के वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। ट्विटर (@Chikapu) नाम से यूजर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘काफी साल ब्यूरोक्रेसी की मलाई चाटने के बाद अब इनको राजनीति की रबड़ी खानी है तो अब राजनेता अच्छे और ब्यूरोक्रेट्स बेकार लगेंगे ही पांडे जी को।’
एक दूसरे यूजर ने लिखा कि ‘इनका वही हाल है ना राम मिले ना माया। अब इनके हिसाब से हम अपनी IAS IPS बनने की अटूट इच्छा को छोडकर राजनेताओ के पीछे लग जाए।‘
दो बार चुनाव लड़ने के लिए दिया इस्तीफा!
बता दें, बिहार के डीजीपी के रुप में काम कर रहे गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से ठीक पहले वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लिया था। तब इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि वह जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे लेकिन उन्हें जदयू की ओर से टिकट भी नहीं मिला।
उससे पहले साल 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तब इस बात की चर्चा तेज थी कि बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर वह चुनावी दंगल में उतरेंगे। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया और उन्हें बीजेपी की टिकट नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के लिए अर्जी लगाई, जो मंजूर कर ली गई थी और 9 महीने बाद ही वह काम पर लौट गए थे।