गरीबी और लाचारी किसी इंसान से क्या करवा सकती है, यह कोई ऐसा इंसान ही समझ सकता है जो ऐसे हालातों से गुजर रहा हो। कुछ ऐसे ही हालातों से गुजर रही हैं रेनू यादव। लखनऊ के आशियाना इलाके में इडली-सांभर बेचने वाली रेनू यादव अपने परिवार का मुख्य सहारा हैं। उनके पति ब्लड कैंसर से पीड़ित हैं और घर के सारे खर्च की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। उनकी संघर्ष की कहानी ने लोगों का दिल जीत लिया है और सरकार से मदद की अपील भी की है।
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रेनू यादव के जीवन में संघर्ष
रेणु यादव का जीवन संघर्ष से भरा है। उनके पति ब्लड कैंसर नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उनके इलाज का खर्च उठाना रेणु के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसके अलावा उनके बच्चों की परवरिश भी उन्हीं पर निर्भर है। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें अपने परिवार का पेट पालने के लिए सड़कों पर इडली-सांभर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इन दीदी का नाम रेनू यादव है। यादव इसलिए नहीं लिखा था ताकि इस काम में कोई जातीय भावना न आए।
बाकी जातियों के ठेकेदार एक क्रिमिनल के लिए पैसे इकट्ठे कर लेंगे लेकिन इस बहन के लिए नहीं। मेरे ट्वीट के माध्यम से 15-20 हजार रुपए की मदद पहुंच चुकी है। पति के इलाज और बच्चों के स्कूल के… https://t.co/5se3Yn8MuX
— Shweta Tiwari (@shvetapt341) October 3, 2024
रेनू यादव के दैनिक संघर्ष
रेनू यादव हर सुबह ठेले पर इडली-सांभर बेचने निकल जाती हैं। उनके खाने के स्वाद और मेहनत की चर्चा आशियाना इलाके में हर जगह होती है। लोग उनके हाथ का बना खाना पसंद करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं, लेकिन बीमारी और आर्थिक तंगी के चलते उनकी यह मेहनत नाकाफी है। बच्चों की पढ़ाई, पति के इलाज और घर के दूसरे खर्चों के लिए रेनू को लगातार संघर्ष करना पड़ता है।
सरकार से मदद की गुहार
रेणु यादव ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने आर्थिक मदद की अपील की है ताकि उनके पति का इलाज सुचारू रूप से हो सके और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके। रेणु का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से उन्हें थोड़ी सी भी मदद मिल जाए तो इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार को राहत मिल सकती है।
लोगों की प्रतिक्रिया और समर्थन
रेनू यादव की यह कहानी सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई है, जहां लोग उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कई स्थानीय संगठन और व्यक्ति रेनू की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। साथ ही सरकार से भी इस परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहयोग की उम्मीद है।
रेनू यादव की कहानी हिम्मत और संघर्ष की मिसाल है। एक तरफ वह परिवार का पेट पालने के लिए सड़क पर काम कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने पति की बीमारी से जूझ रही हैं। इस मुश्किल घड़ी में रेनू यादव सरकार और समाज से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रही हैं। उम्मीद है कि उनकी गुहार सही जगह पहुंचेगी और उन्हें वह मदद मिलेगी जिसकी वह हकदार हैं।
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