Ratlam Hospital Viral Video: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय गीता देवी अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने खुद को ICU में रस्सियों से बंधा पाया, जबकि उसकी पत्नी अस्पताल के कहने पर बड़ी रकम इकट्ठा करने में लगी थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में गुस्सा और नाराजगी देखने को मिल रही है।
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इलाज के नाम पर पैसे ऐंठने का आरोप (Ratlam Hospital Viral Video)
मामले के मुताबिक, एक महिला ने अपने बीमार पति को इलाज के लिए गीता देवी अस्पताल में भर्ती कराया था। शुरुआती उपचार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पत्नी को बताया कि मरीज की हालत गंभीर है और उसे बचाने के लिए अधिक पैसों की जरूरत पड़ेगी। घबराई हुई पत्नी पैसों की व्यवस्था में जुट गई और उसने पहले ही ₹50,000 अस्पताल में जमा करा दिए थे।
गीता देवी अस्पताल रतलाम,मध्यप्रदेश में एक आदमी का इलाज शुरू हुआ!
पत्नी को बताया कि पति की हालत नाजुक है,पैसों का इंतजाम करो!पत्नी ने 50हजार रुपये जमा करा दिए!
बाद में डॉक्टरों ने बताया कि आपकी पति की हालत नाजुक है और कौमा में चले गए है।पैसों को इंतजाम हो तो डॉक्टर प्रयास करके पति… pic.twitter.com/HpeFF79IFa— sarita (@sarita_5M) March 4, 2025
हालांकि, अस्पताल का दबाव यहीं नहीं रुका। डॉक्टरों ने उसे सूचित किया कि मरीज कोमा में चला गया है, और उसे बचाने के लिए और अधिक पैसों की जरूरत होगी। बेबस पत्नी अपने पति की जान बचाने के लिए ₹1 लाख और लेकर अस्पताल पहुंची, लेकिन इससे पहले ही कहानी में बड़ा मोड़ आ गया।
मरीज ICU से भागा, खुद बताई सच्चाई
जब पत्नी अस्पताल पहुंची, तो ICU में भर्ती उसका पति रस्सियां तोड़कर बाहर सड़क पर आ गया। वह न केवल पूरी तरह होश में था, बल्कि उसने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए। मरीज ने बताया कि उसे जबरदस्ती ICU में बंधक बनाकर रखा गया था और झूठ बोलकर उसकी पत्नी से पैसे मांगे जा रहे थे। इस घटना के बाद अस्पताल के बाहर हंगामा मच गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जनता में आक्रोश, सरकार ने दिए जांच के आदेश
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। कई लोगों ने इस घटना को अस्पताल प्रबंधन की लूट करार दिया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की। बढ़ते विवाद को देखते हुए रतलाम के कलेक्टर राजेश बाथम ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल
यह मामला न केवल मरीजों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि निजी अस्पताल कैसे पैसे के लालच में मरीजों और उनके परिजनों को गुमराह करते हैं। अगर यह मरीज खुद ICU से बाहर नहीं निकलता, तो शायद उसकी पत्नी से और अधिक पैसे ऐंठ लिए जाते।
इस घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्तता पर भी सवाल उठाए हैं, जिससे आम जनता को निजी अस्पतालों की मनमानी का शिकार होना पड़ता है।
अस्पताल प्रशासन ने पेश की सफाई
हालांकि, घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने भी अपना पक्ष रखते हुए CCTV फुटेज जारी किए। फुटेज में मरीज ICU में डॉक्टरों से बहस करता और हंगामा करता दिख रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। अस्पताल ने इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है।