पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर के गिरफ्त में है। हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं और संक्रमण के कारण हर रोज मौतें भी हो रही है। एनडीए शासित बिहार में भी हालात कुछ ठीक नहीं है। राज्य के कई गांवों में कोरोना के मामले देखने को मिल रहे हैं। कोरोना के नए मामलों में कुछ कमी जरुर आई है लेकिन संक्रमण से होने वाली मौतें अभी भी वैसे ही हो रही है।
विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी बीच खबर है कि पटना के आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही एक महिला के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। जिसके बाद से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी पार्टियां एक बार फिर से सरकार पर हमलावर हो गई है।
पप्पू यादव ने बोला हमला
इसी बीच हाल ही में 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तार हुए जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, ‘पटना के पारस हॉस्पिटल में माननीय मुख्यमंत्री जी के गांव कल्याणबीघा की एक मां का गैंगरेप हुआ है। जिसके बाद आज जन अधिकार महिला परिषद की बहनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।‘
उन्होंने आगे कहा, ‘इस दौरान पारस अस्पताल प्रशासन, प्रशासनिक महकमा और पुलिस प्रशासन के भारी प्रेशर की वजह से पीड़ित महिला की बेटी ने घटना पर कुछ भी नहीं कहा लेकिन पूर्व में वायरल वीडियो और ऑडियो के अनुसार पीड़ित के साथ गलत काम हुआ है। इसलिए जन अधिकार महिला परिषद इस मामले की हाई कोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की है। साथ ही जन अधिकार पार्टी (लो०) पारस अस्पताल पर अपने स्तर से इस मामले में मुकदमा दर्ज करायेगी।‘
बेटी ने सोशल मीडिया पर डाली वीडियो
दरअसल, राजधानी पटना के नामी अस्पताल पारस अस्पताल के आईसीयू में कोरोना से जंग लड़ रही महिला के साथ गैंगरेप का आरोप लगा है। खबरों के मुताबित अस्पताल के तीन से पांच कर्मचारियों ने ही महिला से रेप किया है। पीड़ित महिला के बयान की वीडियो बना कर बेटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसके बाद से ही खलबली बची हुई है।
अस्पताल प्रशासन ने किया आरोपों का खंडन
बता दें, अस्पताल प्रशासन ने अभी तक वारदात की पुष्टि नहीं की है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता के साथ गलत हुआ है कि नहीं, अभी पुष्टि नहीं हो रही है। महिला आईसीयू में भर्ती है। जरूरत पड़ी तो मेडिकल जांच करायी जाएगी। वहीं, पारस अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और झूठा बताया है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आईसीयू में इलाज के दौरान एक मरीज के रिश्तेदार द्वारा बदसलूकी का आरोप लगाया गया है। आंतरिक जांच में पाए गए तथ्यों के आधार हम आरोपों का खंडन करते हैं। हालांकि, पुलिस जांच कर रही है और हमने जांच में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बिल्कुल गलत आरोप है। वहां 24 मरीज हैं। कुछ स्टाफ भी रहते हैं।