राम मंदिर निर्माण के लिए मिर्जापुर के इन खास पत्थरों का होगा इस्तेमाल, जुड़ेगा विंध्याचल के साथ अटूट रिश्ता!

By Ruchi Mehra | Posted on 6th Jan 2021 | देश
Ram Mandir Vindhyachal Temple, Ram Mandir Mirzapur Stone

बीते साल अयोध्या में राम मंदिर की नींव के साथ ही देश के करोड़ों लोगो का सपना भी पूरा होने जा रहा है। करीब 500 सालों से अयोध्या में राम मंदिर बनने का सपना देखने वाले लोगों का सपना साकार होने जा रहा है, इतना ही नहीं हर धर्म के लोग बढ़ चढ़कर राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा दे रहे हैं, जो देश में धर्मं निरपेक्षता और अनेकता में एकता ही बड़ी मिसाल कायम कर रहा है। लेकिन इस मंदिर निर्माण के साथ ही कई ऐसे रिश्ते भी इस मंदिर से जुड़ने जा रहे है जो सैकड़ों सालो तक मंदिर के साथ ही जुड़े रहेंगे।


विंध्याचल से मगाएं जा रहे पत्थर


 राम मंदिर का निर्माण शुरू होते ही हिंदू धर्म में पूजनीय पहाड़ों में से एक पहाड़ विंध्याचल के साथ राम मंदिर का अटूट रिश्ता जुड़ने वाला है। दरअसल मंदिर के निर्माण के लिए 4 लाख घन फीट पत्थर विंध्याचल की पहाड़ियों से मंगवाया जा रहा है जो कि मिर्जापुर में स्थित है। इन पत्थरों का इस्तेमाल मंदिर की नींव बनाने के लिए किया जाएगा। ये पत्थर कई सौ सालो तक बिना हिले मजबूती से खड़े रहेंगे। 

राम मंदिर निर्माण में आ रही ये समस्या


 आपको बता दें कि मंदिर की नींव की खुदाई के बाद पता चला है कि मंदिर की नींव वाली जगह पर 200 फीट गहराई तक केवल बालुई मिट्टी है, साथ ही 100 फीट की गहराई पर सरयू नदी का प्रवाह मिला है। ऐसे में मंदिर की मजबूती इसकी मजबूत नींव पर ही टिकी है। जिसके कारण नींव की खुदाई का काम रोक कर भारत के 7 बड़े संस्थाओं और आईआईटी रिसचर्स से बैठक कर इस समास्या का हल पूछा गया।


मंदिर के नक्शे में कई बदलाव


 राम मंदिर ट्रस्ट चाहता है कि अयोध्या के राम मंदिर की उम्र कम से कम 1000 साल हो। ऐसे में नींव की मजबूती सबसे बड़ी चिंता थी लेकिन विंध्याचल के पत्थरों के इस्तेमाल से मंदिर की नींव को मजबूती दी जा रही है। आपको बता दें कि मंदिर के नक्शे में काफी बदलाव किए गए है। जिसमें अब मंदिर तीन मंजिला बनेगी और हर मंदिर 20 फीट की होगी। जमीन से 16.5 फीट पर मंदिर का फर्श होगा, मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 335 फीट और मंदिर का शिखर 161 फीट का बनाया जाएगा।


बता दें कि मंदिर के ऊपरी हिस्से के निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़पुर के पत्थरो को मंगवाया जा रहा है। ये बलुआ गुलाबी पत्थर है। मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि निर्माण कार्य 15 जनवरी मकर संक्राति के दिन से शुरू होगा। जिसे बनाने का लक्ष्य 3 साल रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि जब ये राम मंदिर बनकर तैयार होगा, इसके जैसा मंदिर इतिहास में नहीं देखने मिलेगा। 

Ruchi Mehra
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।

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