नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन नवंबर महीने से जारी है। किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई, उसके बाद कुछ समय के लिए किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता हुआ दिखने लगा था। हालांकि किसानों ने अपने आंदोलन को एक बार फिर से तेज करते हुए आज यानी शनिवार को चक्का जाम करने का फैसला लिया था।
चक्का जाम शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। चक्का जाम के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होनें केंद्र सरकार को नए कृषि कानून को वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया। उन्होनें किसानों को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि सरकार के साथ हम किसी भी दबाव में बातचीत नहीं करेंगे। जब प्लेटफॉर्म बराबरी का होगा, तब ही बातचीत की जाएगी।
‘2 अक्टूबर तक लें कानून वापस नहीं तो…’
राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा- ‘सरकार को हमने कानून वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। फिर हम आगे की योजना बनाएंगे। सरकार को या तो हमारी बात सुन लेनी चाहिए, नहीं तो अगला ऐसा आंदोलन होगा कि जिसका बच्चा फौज-पुलिस में होगा, उसका परिवार यहां रहेगा और उसका पतिा तस्वीर लेकर यहां बैठेगा। तस्वीर कब लानी होगी, ये भी मैं बता दूंगा।’
‘पूरे देश में करेंगे आंदोलन’
किसान नेता ने कहा कि सरकार या तो बिल वापस ले और MSP पर कानून बना दें…नहीं तो ये आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। देशभर में आंदोलन होगा। फिर मत कहिएगा कि ये कैसा आंदोलन है। हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक होगा। टिकैत बोले कि हम तिरंगे को मानते हैं। जब हमारे बच्चों की शहादत होती है, तो वो गांव में तिरंगे में ही लिपटकर आते हैं। तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।
‘शर्तों के साथ नहीं होगी बातचीत’
सरकार पर हमला बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत इनको देश से नहीं व्यापारी से लगाव है। इन्हें किसान से नहीं अनाज से लगाव है। इनको मिट्टी से नहीं अन्न से लगाव है। ये कील बोएंगे और हम अनाज।’ उन्होनें कहा कि अगर कोई ट्रैक्टर लेकर आ रहा है, तो उसको नोटिस भेजे जा रहे हैं। ये कहां का कानून होता है कि ट्रैक्टर नहीं चलेगा।
टिकैत बोले कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन शर्त के साथ बातचीत नहीं करेंगे। बराबरी का प्लेटफॉर्म मिलने पर ही बातचीत होगी।
गौरतलब है कि किसानों के चक्का जाम के बाद राकेश टिकैत ने ये बातें बोलीं। बता दें कि किसानों का चक्का जाम दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर दूसरे राज्यों में दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए। चक्का जाम का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिला। किसानों ने हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में चक्का जाम का असर देखने को मिला।