मोदी सरकार जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर समझौता करने जा रही है। सरकार के इस फैसले के विरोध में एक बार फिर से किसान नेता राकेश टिकैत उतर आए हैं। संभावनाएं है कि दूध खरीदने को लेकर अगले महीने सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता करेगी। टिकैत का कहना है कि सरकार के इस समझौते से पशुपालकों के सामने उनके अस्तित्व का संकट पैदा हो सकता है। किसान नेता राकेश टिकैत की तरफ से सरकार के इस फैसले का विरोध करने की बात कही गई है।
राकेश टिकैत ने इस मामले को लेकर एक ट्वीट करते हुए कहा- ‘सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर अगले माह समझौता करने जा रही है, जिसके तहत 20-22 रुपये प्रति लीटर दूध बेचने की योजना है। सरकार के विदेशों से दूध आयात करने के फैसले से देश के पशु पालकों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो जाएगा। किसान इसका विरोध करेंगे।’
सरकार ऑस्ट्रेलिया के साथ दूध खरीदने को लेकर अगले माह समझौता करने जा रही है, जिसके तहत 20-22 रुपये प्रति लीटर दूध बेचने की योजना है।
सरकार के विदेशों से दूध आयात करने के फैसले से देश के पशु पालकों के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो जाएगा। किसान इसका विरोध करेंगे ।#FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 1, 2022
मोदी सरकार को घेरते हुए राकेश टिकैत ने आगे कहा कि एक ओर सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात कहती हैं। दूसरी ओर ऐसे-ऐसे कानून ला रही है कि किसानों के सामने संकट पैदा हो जाए। टिकैत ने कुछ दिन पहले भी ऑस्ट्रेलिया के साथ सरकार के इस समझौते पर आपत्ति जाहिर की थी। वो अब खुलकर इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं।
गौरतलब है कि करीब-करीब एक साल तक चले कि किसान आंदोलन का राकेश टिकैत ने नेतृत्व किया था। केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का किसानों ने जमकर विरोध किया था और वो इसे वापस लेने के लिए दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठ गए। इस दौरान सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त तक तकरार चलती रही, लेकिन अंत में जीत किसानों की हुई। मोदी सरकार को पीछे हटते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।