दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर तब हंगामा मच गया, जब यहां किसान और बीजेपी समर्थक आपस में भिड़ गए। बुधवार सुबह प्रदर्शनकारी किसान और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई। इस दौरान मारपीट भी की गई। जैसे ही हंगामे की खबर पुलिस बल वहां पहुंच गई।
नेता का स्वागत कर रहे थे बीजेपी कार्यकर्ता
आरोप ये लग रहे हैं कि प्रदर्शनकारी किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की गाड़ियों के साथ तोड़-फोड़ की। जानकारी के मुताबिक सुबह तकरीबन 10 बजे कुछ बीजेपी कार्यकर्ता आंदोलन स्थल के पास बीजेपी नेता अमित वाल्मीकि के स्वागत के लिए इकट्ठा हुए थे। ढोल नगाड़े बजाकर बीजेपी नेता का स्वागत किया जा रहा था। ये बात प्रदर्शनकारी किसानों को पसंद नहीं आई और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई।
फिर किसानों के साथ हो गई भिड़त
किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को काले झंडे भी दिखाते। देखते ही देखते बात बढ़कर मारपीट तक पहुंच गई। दोनों गुट आपस में भिड़ गए। लाठी डंडों के साथ पथराव किया गया। इस दौरान कई गाड़ियों को भी काफी नुकसान पहुंचा।
दोनों ही पक्ष इस झड़प का आरोप एक दूसरे पर लगाते नजर आ रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो शांतिपूर्ण ढंग से अपने नेता का स्वागत कर रहे थे और प्रदर्शनकारी किसानों हाथों में डंडे वगैरह लेकर आए और उनसे उलझ गए। वहीं किसानों ये आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किसानों के उनके खिलाफ नारेबाजी की, जब ही दोनों के बीच मारपीट हुई।
बीजेपी पर बरसे पड़े टिकैत
इस घटना को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत भड़क उठे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अब अगर यहां कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो बक्कल उधेड़ दिए जाएंगे। फिर ये लोग प्रदेश में कहीं नजर नहीं आएंगे।
टिकैत बोले कि वो यहां पर अपने किसी नेता का स्वागत करना चाह रहे थे। ऐसा कैसे हो सकता है। ये संयुक्त मोर्च का मंच है। सड़क पर मंच है, तो इसका ये मतलब नहीं कि मंच पर कोई भी आएगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को आना ही है तो वो बीजेपी को छोड़कर आ जाए। मोर्चे में शामिल हो जाए।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि यहां पर ये दिखाने की कोशिश हुई कि हमने मंच पर बीजेपी का झंडा फहराया है। ये गलत बात है, ऐसे लोगों के बक्कल उधेड़ देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों ने किसी की गाड़ी पर पत्थर नहीं चलाए। अगर अब कोई आया तो उसकी गाड़ी नहीं निकलने दी जाएगी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे ये भी आरोप लगाए कि बीजेपी के लोग इस आंदोलन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते 3 दिनों से अलग-अलग इलाकों से वो आ रहे हैं। पुलिस भी उनका साथ दे रही हैं। अगर ऐसा रोज-रोज होगा, तो इलाज कर दिया जाएगा। टिकैत ये भी बोले कि वो इस मामले में केस दर्ज कराएंगे।
गौरतलब है कि पिछले सात महीनों से किसानों का आंदोलन जारी हैं। दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान जमे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, वो वापस नहीं जाएंगे। वहीं सरकार भी नए कृषि कानून को वापस लेने के मूड में नजर नहीं आ रही। हां, सरकार ये जरूर कह रही है कि वो किसानों की मांगों के हिसाब से कानून में संशोधन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। सरकार और किसानों के बीच ये टकराव अब तक नहीं थमा है। वहीं लंबे वक्त से दोनों पक्षों में कोई बातचीत भी नहीं हुई।