केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। दिल्ली के बॉर्डरों पर पिछले 74 दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं और केंद्र सरकार से इन कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है। आज सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन को लेकर टिप्पणी की।
साथ ही उन्होंने किसानों से आंदोलन को खत्म करने का आग्रह भी किया। जिस पर अब भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस मसले को सुलझाने की बजाय लगातार उलझा रही है।
MSP को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाए सरकार
पीएम मोदी की एमसपी पर टिप्पणी पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, हमने कब कहा कि MSP खत्म हो जाएगा। MSP को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। किसान नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यदि किसानों से बातचीत करना चाहते हैं को उनका किसान मोर्चा उनसे बात करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे पीएम मोदी लोगों से गैस सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ने की अपील करते हैं वैसे ही अपील एक बार सांसद-विधायकों से पेंशन छोड़ने की भी कर दें।
‘देश में पानी से सस्ता दूध बिकता है’
पिछले दिनों कई नेताओं ने किसान आंदोलन को जाट आंदोलन बताया था। जिस पर टिप्पणी करते हुए राकेश टिकैत ने कहा है कि ये मसला पहले पंजाब और हरियाणा का था, फिर जाटों का बना। अब यह आंदोलन छोटे बड़े किसानों का हो गया है। सभी किसान एक हैं, छोटा बड़ा क्या है? किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा देश में भूख का व्यापार नहीं होगा। अनाज की कीमत भूख पर तय नहीं होगी। उन्होंने कहा, देश में पानी से सस्ता दूध बिकता है, उसका भी रेट तय होगा।
MSP था, MSP है और MSP रहेगा– PM मोदी
बता दें, पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा कि कानून को लेकर किसानों की हर शंका का समाधान किया जाएगा। किसानों की बड़ी मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘MSP को कोई खत्म नहीं कर सकता। MSP था, MSP है और MSP रहेगा।‘ गौरतलब है कि किसान लगातार नए कृषि कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।