Rajasthan Jojari river: राजस्थान के जोधपुर जिले में बहने वाली जोजरी नदी, जो कभी क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी मानी जाती थी, आज गंभीर प्रदूषण के कारण मरणासन्न स्थिति में पहुंच गई है। औद्योगिक अपशिष्ट और घरेलू सीवेज के अनियंत्रित निर्वहन ने इसे जहरीले नाले में बदल दिया है। इस प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि कृषि, मानव स्वास्थ्य और वन्यजीवों पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। लेकिन हाल ही में सरकार ने इस नदी के पुनरुद्धार के लिए एक ठोस योजना की घोषणा की है, जिसमें 176 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
प्रदूषण के कारण और प्रभाव- Rajasthan Jojari river
जोधपुर के औद्योगिक क्षेत्रों से प्रतिदिन 180 मिलियन लीटर से अधिक दूषित जल जोजरी नदी में छोड़ा जा रहा है। इसमें कपड़ा, रसायन और अन्य उद्योगों का अपशिष्ट शामिल है, जो बिना किसी शुद्धिकरण के सीधे नदी में बहाया जाता है। इससे नदी का पानी काला और जहरीला हो गया है, जिससे न केवल मानव जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि खेती और पशुपालन भी संकट में हैं।
प्रदूषण के कारण:
जोधपुर, पाली और बालोतरा जिलों में फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। कृषि भूमि बंजर होती जा रही है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट बढ़ गया है। दूषित जल के कारण त्वचा संबंधी रोग, पेट के संक्रमण और सांस की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। मनुष्यों और पशुओं में कई गंभीर बीमारियां फैल रही हैं, जिससे जनस्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है।
वन्यजीवों पर संकट
जोजरी नदी का प्रदूषण धवा डोली ओरण जैसे वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है।
- ब्लैक बक, चिंकारा और अन्य वन्यजीवों की संख्या में भारी गिरावट आई है।
- जहरीले पानी और दूषित वातावरण के कारण जैव विविधता समाप्त हो रही है।
- वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं, जिससे वे दूसरे क्षेत्रों में पलायन कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन के प्रयास
राज्य सरकार ने जोजरी नदी के पुनरुद्धार के लिए बजट आवंटित किया है, लेकिन अब तक जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
महत्वपूर्ण घोषणाएं और विफलताएं:
- 2013 में कांग्रेस शासन के दौरान “जोजरी रिवर फ्रंट परियोजना” प्रस्तावित की गई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
- 2023 में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 400 करोड़ की परियोजना घोषित की, लेकिन राज्य सरकार से सहयोग न मिलने का आरोप लगाया।
- 2024 में भाजपा सरकार ने 172.58 करोड़ की संशोधित योजना का शिलान्यास किया, जिसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का वादा किया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक मतभेदों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण योजनाएं केवल घोषणाओं तक सीमित रह गई हैं।
न्यायिक हस्तक्षेप और स्थानीय विरोध
जोजरी नदी के प्रदूषण से परेशान स्थानीय निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशों के बावजूद सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा:
“जोधपुर में जोजरी नदी का प्रदूषण किसानों, जीवों और पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। क्षेत्र की फैक्ट्रियों और उद्योगों द्वारा बिना शुद्धिकरण के अपशिष्ट जल छोड़ा जा रहा है। इससे जोधपुर, पाली और बालोतरा जिलों में फसलों को भारी नुकसान हो रहा है।”
जोधपुर में जोजरी नदी का प्रदूषण किसानों, जीवों एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। क्षेत्र की फैक्ट्रियों एवं उद्योगों द्वारा बिना शुद्धिकरण के अपशिष्ट जल सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है।
यह भी जानकारी में आया है कि जोजरी नदी पर लगे जीरो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 17, 2025
पर्यावरण कार्यकर्ता श्रवण पटेल ने कहा:
“हमारी पीड़ा जारी है क्योंकि किसी भी राजनीतिक नेता ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है। अनगिनत शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
जीर्णोद्धार की योजना और बजट
पिछले महीने राज्य विधानसभा में बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री दीया कुमारी ने घोषणा की कि जोजरी नदी में बहाए जा रहे दूषित पानी को रोकने के लिए जोधपुर के नांदरी और झालामंड क्षेत्रों में नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, पुराने सीवरेज ट्रंक लाइनों को सुधारने और नए पंप स्टेशन बनाने की भी योजना है।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि यह परियोजना औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगी, जिससे नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
औद्योगिक प्रदूषण और सरकार की सख्ती
वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने जोजरी नदी में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जोधपुर कलेक्टर ने 21 फरवरी को एक विशेष कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी उन औद्योगिक इकाइयों की जांच करेगी जो बिना ट्रीटमेंट किए या आंशिक रूप से उपचारित जल को नदी में बहा रही हैं।
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि वर्तमान में लगभग 110 एमएलडी दूषित जल बिना किसी ट्रीटमेंट के जोजरी नदी में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस जल को साफ करने के लिए जल्द ही प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। दोषी पाए जाने वाले उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें कानूनी प्रावधानों के तहत दंडित किया जाएगा।