देश में आज मंगलवार के दिन ईद का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ शांति से मनाया जा रहा है। देश का हर नागरिक एक दूसरे को आज ईद की ढेर सारी बधाइयां दे रहा है। लेकिन इसी बीच राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) से दो समुदाय के बीच झड़प और हिंसा की खबर आ गई, जिसने देश में ईद की मिठास में जहर खोलने का काम कर दया है। खबरों की मानें तो जोधपुर में सोमवार की शाम से माहौल बिगड़ने लगा, जिसने इस हिंसा की नींव रखी। सबसे पहले एक समुदाय विशेष ने स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर लगे झंडे को लेकर और फिर जालोरी इलाके में ईद को लेकर लगाए गए बैनर पर आक्रोशित होकर दूसरे समुदाय के खिलाफ जोर-जोर से नारे लगाने लगे, जिसको सुनकर दूसरे समुदाय के लोग भी वहां आकर जोर-जोर से नारे लगाने लग गए।
इस प्रकार शुरुआत में दोनों समुदाय ने एक दूसरे के खिलाफ जहर उगला। धीरे- धीरे बात नारेबाजी तक ना रहकर पाथरबाजी और झड़प में तब्दील हो गई। इसके बाद तो हद ही हो गई , दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे से भिड़ने लगें , जिसके बाद इलाके में कोहराम मच गया। दोनों समुदाय में चल रही हिंसा की खबर मिलते जोधपुर पुलिस इलाके में पहुंची , जहां पुलिस ने हिंसा को खत्म करने के लिए और भीड़ पर काबू पाने क लिए लाठियां बरसाई और आंसू गैस के गोले भी दागे।
इलाके में एहतियात बरतने के लिए इंटरनेट सेवाओं को 3 मई को रात 1 बजे से जिले और शहर में बंद कर दिया गया। वहीं जोधपुर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जोधपुर हिंसा के दौरान मीडियाकर्मियों और पुलिस में विवाद का मामला भी सामने आया है। पुलिस ने पत्रकारों पर भी लाठियां बरसाई हैं, जिसमें एक पत्रकार को गंभीर चोटें आई। पुलिस के द्वारा किए गए इस अमार्मिक बर्ताव के विरोध में बहुत से पत्रकार सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं।
मामले की गंभीरता देखते हुए , राजस्थान सरकार हरकत में आई है। सीएम गहलोत ने आनन-फानन में एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें राजस्थान के DGP समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
BJP ने गहलोत सरकार को जमकर घेरा
वही दूसरी ओर राजस्थान सरकार पर BJP ने हिंसा को लेकर जमकर हमला बोला। BJP ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि राजस्थान में बिना BJP सरकार के हिंसा कैसे हो गई, इसका जवाब मुख्यमंत्री गहलोत दें। बीजेपी के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने गहलोत सरकार पर निशाने साधते हुए कहा है कि ये सरकार सिर्फ एक समुदाय को खुश करने की कोशिश में लगी रहती है । उन्होंने कहा कि इस सरकार ने राजस्थान को तालिबान बना दिया है। यहां की सरकार औरंगजेबी फैसले लेती है। मुख्यमंत्री गहलोत समेत गृहमंत्री को हिंसा की जिम्मेदारी सामने आकर जल्द लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री गहलोत की अपील
मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर हिंसा पर एक स्तरीय बैठक करने के बाद ट्विटर पर एक ट्वीट कर जोधपुर के लोगों से कहा है – हमने पुलिस-प्रशासन को शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं । आगे ट्वीट में अशोक गहलोत जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए, सभी पक्षों से मार्मिक अपील करते हुए शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बात करते हैं। जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान कर अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जोधपुर में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अपराधी चाहे किसी भी धर्म, जाति या वर्ग का हो, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लोगों से सामाजिक सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री गहलोत के आदेश पर गृह मंत्री राज गृह मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, जोधपुर के प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भय कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवागर्ग, घुमरिया तत्काल जोधपुर हिंसा का जायजा लेने जाएंगें। गहलोत ने हिंसा के कारण अपने जन्मदिन से जुड़े सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल जोधपुर (Jodhpur) में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है और उसी दौरान में जोधपुर के जालोरी गेट, जो एक अल्पसंख्यक बहुल इलाका है, उसके चौराहे पर एक समुदाय द्वारा स्वर्गीय बालमुकंद की मूर्ति पर भगवा ध्वज फहराया गया था। जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर बीते सोमवार को दोपहर में ये भगवा ध्वज उतरवा लिए थे। लेकिन जैसी ही रात हुई अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर ध्वज लगा दिया। जिसे देखने के तुरंत बाद स्वतंत्रता सेनानी के रिश्तेदार और कुछ अन्य लोग बहुत भड़क गए और फिर ये हिंसा तेजी से बढ़ती ही चली गई। इस हिंसा में दोनों समुदायों के 7 लोग बुरी तरीके से जख्मी हो गए हैं। जोधपुर पुलिस अभी हिंसा के सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो के आधार पर हिंसा की मुख्य वजहों और हिंसा करने वाले उपद्रवियों की तालाश में जुटी है। पुलिस ने फिलहाल हिंसा से जुड़े कुछ लोगों को शक के बिनाह पर हिरासत में लिया है। साथ ही दावा किया है कि जल्द हम हिंसा से जुड़े अपराधियों को पकड़ लेंगे।
हाल में ही करौली में हुई थी हिंसा
राजस्थान के करौली (Karoli) जिले में 2 अप्रैल को दो समुदाय के बीच हिंसा हुई थी। 2 अप्रैल हिंदू नववर्ष के मौके पर हिंदू संगठनों ने एक बड़ी बाइक यात्रा निकाली थी। करौली हिंसा को लेकर जो खबरें सामने आई थी, उनके अनुसार इस बाइक यात्रा में शामिल एक डीजे गाड़ी से कथित तौर पर मुसलमानों को लेकर जोर-जोर से विवादित गाने बज रहे थे, जिसको लेकर दोनों समुदाय में विवाद बढ़ गया। ये बाइक हठवाड़ा जब बाज़ार की संकरी गली से गुजर रही थी तो कुछ घरों की छतों से पत्थर फेंके गए और रैली में शामिल लोगों पर लाठियों से हमला किया गया। कई गाड़ियो को उपद्रियों ने आग के हवाले कर दिया गया। कई दुकानें जला दी गई। इस हिंसा के दौरान कई लोग घायल हुए।
इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी के गोद में एक बच्ची जिसका नाम नेत्रेश शर्मा है, उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। फोटो में पुलिसकर्मी बच्ची नेत्रेश शर्मा को स्टोल में लपेटकर गोद में उठाकर आग की लपटों से बचाता हुआ दिख रहा है, जिसके बाद से पुलिसकर्मी की बहुत तारीफ हुई थी। साथ ही लोगों ने दोनों समुदाय को करौली हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना की थी। करौली हिंसा की जांच के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एक एसआईटी की टीम का गठन किया गया है, जो इस हिंसा के पीछे की वजहों की जांच कर रहा है।