उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की वापसी होने के बाद “बाबा का बुलडोजर” एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। अपराधियों से लेकर अवैध निर्माण तक पर शिकंजा कसने के लिए यूपी की योगी सरकार एक बार फिर बुलडोजर का सहारा ले रही है। इसी बुलडोजर ने अब गाजियाबाद के 150 मकानों में रह रहे लोगों की नीदें उड़ाकर रख दी है।
दरअसल, गाजियाबाद के कैला भट्टा में रेलवे की जमीन पर करीब 150 मकान बने है, जिसे खाली कराने के लिए अब नोटिस चस्पा किए गए हैं। यूं अचानक मकान खाली करने के नोटिस मिलने पर वहां रहने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक यहां ये लोग काफी सालों से रह रहे हैं। 1943 में रेलवे ने अपनी इस लाइन को बंद किया था। जिसके बाद कुछ दिनों तक तो वहां शंटिंग चली, लेकिन जब फिर यहां और कोई गतिविधि नहीं हुई, तो खाली पड़ी जमीनों पर लोगों ने मकान, गोदाम और दुकान बना दिए। तब से ही यहां पर लोग रह रहे हैं। लेकिन इस जगह को खाली करने का नोटिस मिलने के बाद इन लोगों की नींदें उड़ गई हैं।
बताया तो ये भी जा रहा है कि पहले भी इस जगह को खाली कराने की कोशिश की जा चुकी है। रेलवे ने साल 2011 में जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए एक अभियान चलाने का ऐलान किया था। हालांकि तब रेलवे को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके चलते अभियान शुरू नहीं हो पाया था। हालांकि अब रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने RPF के साथ मकानों पर नोटिस चिपका दिए।
साथ ही साथ गुरुवार को रेलवे ने गुरुवार को इन लोगों को बुलाया गया था। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग रेलवे के कार्यालय पहुंचे। जहां अधिकारियों ने इन लोगों से सवाल करते हुए पूछा कि उनके पास जमीन के क्या-क्या दस्तावेज मौजूद हैं।
वहीं छोटा कैला भट्टा मरकज रोड पर रहने वाले इन लोगों का सवाल है कि आखिर इतने सालों बाद क्यों रेलवे नींद से जागा है और यूं अचानक जमीन खाली करने का नोटिस दे रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आजादी से पहले से उनके दादा-परदादा यहां बसे हैं। उनके पास इस एड्रेस का ही निवास प्रमाण पत्र तक है। जब रेलवे को मालूम था कि ये जमीन उनकी है, तो यहां अपना कोई बोर्ड क्यों नहीं लगाया? लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा बनाने के लिए आवास योजना का भी लाभ इन मकानों को दिया गया है।
जल्द मकान खाली करने का नोटिस मिलने के बाद अब यहां रहने वाले लोगों का समझ नहीं आ रहा वो करें तो क्या करें। उनका कहना है कि इस नोटिस ने उनकी रातों की नींद उड़ाकर रख दी है। क्योंकि उनके पास रहने की कोई दूसरी जगह नहीं। यहां रहने वाले लोग कह रहे हैं कि उनके घरों को तोड़ दिया जाएगा, तो वो सड़कों पर आ जाएंगे। ऐसे में वो सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि हमने दोबारा से उत्तर प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार इसी वजह से ही बनाई है, जिससे हमें इंसाफ मिले।