केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर जमकर आंदोलन हो रहा है। किसान आंदोलन को 4 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के विरोध में किसान नेता इन दिनों लगातार अन्य राज्यों का दौरा कर रहे हैं और किसान महापंचायतों में केंद्र के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर राजस्थान के अलवर में हमले की खबर सामने आई है। जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है।
राहुल गांधी ने बोला हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस मामले को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और बीजपी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘उनका संघ हमला करना सिखाता है, अहिंसक सत्याग्रह किसान को निडर बनाता है। संघ का सामना संग मिलकर करेंगे। तीनों कृषि और देश विरोधी कानून वापस कराके ही दम लेंगे!’
राजस्थान के सीएम ने जताई नाराजगी
कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अलवर में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत जी के काफिले पर BJP के लोगों द्वारा हमला निंदनीय है, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। BJP किसान आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों के हक़ में संघर्ष करने वालों के प्रति अनर्गल बयानबाजी, अलोकतांत्रिक बर्ताव कर रही है जो कि शर्मनाक है।‘
टिकैत ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार
दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘केंद्र के अलावा इसका जिम्मेदार और कौन हो सकता है। वो उनके युवा विंग के लोग थे। वो कह रहे थे ”राकेश टिकैत गो बैक”…मैं कहां जाऊं। उन्होंने मुझ पर पत्थर फेंके, लाठियां चलाईं। वो हमसे क्यों लड़ रहे हैं? हम किसान हैं कोई राजनीतिक पार्टी नहीं।‘
पुलिस ने लिया एक्शन
बता दें, राजस्थान के अलवर में राकेश टिकैत के काफिले पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला बोल दिया। जिसमें टिकैत की गाड़ी के शीशे टूट गए थे। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए चार लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच की जा रही है और पुलिस इसके तह तक पहुंचने की कोशिशों में लगी है। इस घटना को लेकर किसान संगठनों में काफी रोष व्याप्त है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में आंदोलन एक बार फिर से काफी तेज हो सकता है।