शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुए, जिसमें नेताओं के बीच एक बार फिर से हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह लगातार बढ़ती ही चली जा रही है। बीते दिन हुई CWC की बैठक में किसान फिर दो धड़ों में बंट गई और इस दौरान पार्टी के बीच काफी तीखी बहस हुई थी। जिसके चलते पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी झल्ला गए। CWC की बैठक में क्या हुआ, आइए आपको बता देते हैं…
क्या हुआ CWC बैठक में…?
दरअसल, मिली जानकारी के मुताबिक जैसे ही कांग्रेस अध्यक्ष और CWC की खाली सीटों पर चुनाव के लिए सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी की सिफारिश पढ़ी गई, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने तुरंत चुनाव की मांग रख डाली। जिसमें पी चिदंबर से लेकर गुलाम नबी आजा, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक शामिल थे। ये नेता उन 23 नेताओं की लिस्ट में भी शामिल थे, जिन्होनें कुछ महीनों पहले कांग्रेस में बड़े फेरबदल की मांग करते हुए चिट्ठी लिखी थी और जिसके बाद पार्टी में खूब घमासान मचा था।
बढ़ती बहसबाजी देख झल्लाए राहुल
इन नेताओं की ये मांग सुनते ही अशोक गहलोत, एके एंटनी, हरीश रावत समेत कई नेता बिफर पड़े। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान गहलोत और आनंद शर्म के बीच काफी बहसबाजी भी हुई, जिसके चलते राहुल गांधी झल्ला गए और वो बोल उठे कि ‘अब बस करें।’
गहलोत और आनंद शर्मा में तीखी बहसबाजी
खबरों के मुताबिक इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते महीनों से चुनाव की मांग कर रहे नेताओं को निशाने पर लिया। गहलोत ने जो टिप्पणी की वो कुछ नेताओं को पसंद नहीं आई। जिसके बाद आनंद शर्मा ने उसका काउंटर करते हुए ये कहा कि ये अपमानजनक है।
नेताओं के बीच बहसबाजी इतनी तीखी हो गई कि राहुल परेशान हो उठे और उन्होनें कहा कि हम सभी की भावनाओं की कद्र करते हैं और चुनाव कराकर इन बातों को यही पर खत्म कर देना चाहिए।
खबरों के मुताबिक अशोक गहलोत ने बैठक में ये कहा था कि जो लोग बिना चुनाव के ही CWC का हिस्सा है, वो चुनाव की मांग कर रहे हैं। गहलोत ने ये भी कहा कि हमारे पास अभी आपसी लड़ाई को छोड़कर और भी कई बड़े मुद्दे हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी से लड़ने की जरूरत है। चुनाव का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़कर हमें उन पर भरोसा करना चाहिए।
हालांकि इस दौरान गहलोत ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी ये बात कुछ नेताओं को रास नहीं आई। जिसके बाद आनंद शर्मा ने जवाब देते हुए ये तक कह डाला कि ‘मौखिक चाटुकारिता’ के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल ना करें। आनंद शर्मा ने बैठक में ये भी कहा कि जो लोग चुनाव की मांग कर रहे वो इंदिरा गांधी के वक्त से कांग्रेस का हिस्सा हैं।
बहसबाजी को देखते हुए राहुल गांधी को इसे रोकना पड़ा। राहुल ने कहा कि गहलोत को कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। वो बोले कि ‘चलिए चुनाव कराकर इस बात को खत्म कर देते हैं।’ कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने बैठक के बाद कहा कि 21 जून तक कांग्रेस को हर हाल में नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इस बैठक में कई नेताओं ने दोबारा से राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया, जबकि कुछ नेताओं ने चुनाव की मांग रखी।
बीते साल हुआ थी इस टकराव की शुरुआत
बता दें कि कांग्रेस में इस टकराव की शुरुआत बीते साल अगस्त में हुई थीं। जब 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव की मांग रख दी थी। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल भी शामिल थे। इस चिट्ठी के बाद से ही पार्टी के अंदर लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई हैं।