देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में सशस्त्र बलों के जवानों की करीब 3 लाख विधवाएं रहती हैं। यह आंकड़ा खुद रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल लोकसभा में साझा किया था। मंत्रालय के मुताबिक देश में कुल 6,98,252 विधवाएं हैं। इनमें से 2,99,314 विधवाएं पंजाब, हरियाणा सहित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में रहती हैं। यह आंकड़ा अपने आप में चौंकाने वाला है। वहीं हमारे देश के वीर जवानों के बलिदान के सामने शहीद सैनिक की विधवा होने के बलिदान को भी कम नहीं आंका जा सकता। सेना में इन्हें वीर नारी के नाम से संबोधित किया जाता है। पंजाब में पूर्व सैनिकों की पंजीकृत वीर नारियों की संख्या 74,253 है।
भारत में वीर नारियों की संख्या 6,98,252 लाख
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश के उत्तर-पश्चिम में करीब 3 लाख वीर नारियाँ या सैन्यकर्मियों की पत्नियाँ हैं। इस समय देश में 6,98,252 लाख वीर नारियाँ हैं। इनमें से करीब 2,99,314 वीर नारियाँ दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में रहती हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, वीर नारियों के इस आंकड़े में आतंकवाद विरोधी अभियानों में शहीद हुए सैनिकों के जीवनसाथी के साथ-साथ उन विधवाओं की संख्या भी शामिल है जिनके सैन्य पतियों की मृत्यु अन्य कारणों से हुई।
ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੈਨਿਕਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿਧਵਾਵਾਂ ਹਨ ਅਤੇ ਕੇਰਲ ਦੂਜੇ ਨੰਬਰ ‘ਤੇ ਹੈ। ਪੰਜਾਬ ਭਾਰਤ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਲਈ ਸੈਨਿਕ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਨੂੰ ਗੱਦਾਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।#Punjab #Sikh #Punjabi #PunjabNews pic.twitter.com/LsBb9aE2Mz
— Jaspinder Kaur Udhoke (@Kaur_Udhoke) December 9, 2023
वीर नारियों की संख्या में दूसरे राज्य
सभी सशस्त्र सैन्य टुकड़ियों में से सबसे ज़्यादा वीर नारियाँ पंजाब में हैं। यहाँ 74,253 वीर नारियाँ हैं, जो कुल वीर नारियों का 10.63 प्रतिशत है। केरल दूसरे नंबर पर है जबकि उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है। हरियाणा की बात करें तो रक्षा मंत्रालय की सूची में यह राज्य छठे नंबर पर आता है। यहाँ 53,546 सैन्यकर्मियों की विधवाएँ रहती हैं। सशस्त्र बलों को अपनी जनशक्ति का एक बड़ा हिस्सा उत्तर-पश्चिमी राज्यों से मिलता है।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दी यह जानकारी
लोकसभा में सांसद सुनील दत्तात्रेय तटकरे ने भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं के कल्याण के बारे में प्रश्न पूछा था। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा को बताया कि वीर नारियों को उसी दिन पेंशन मिल जाती है। OROP के तहत इसे हर पाँच साल में अपडेट किया जाता है। इसके अलावा, पारिवारिक पेंशन महंगाई राहत से जुड़ी होती है, जिसे हर छह महीने में अपडेट किया जाता है। 2022 में शहीद सैनिकों की 32 विधवाओं को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई।
इससे पहले केंद्र ने नवंबर 2019 में दिए गए आंकड़ों में सैनिकों के बारे में विस्तृत राज्यवार जानकारी दी थी, जिसके अनुसार देश की सेना में 11.54 लाख सैनिक और जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) हैं, जिनमें से अधिकांश पंजाब (89,893 सैनिक और JCO) से आते हैं।
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