पंजाब में साल 2022 की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर चल रही आंतरिक कलह अब धीरे-धीरे शांत होती दिख रही है।
पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू अब नए अंदाज में दिख रहे हैं। पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए अपनी तैयारियों पर काम शुरु कर दिया है। राज्य की प्रमुख विपक्षी आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव में दम खम के साथ उतरने वाली है।
आप जमीनी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस बीच पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी चुनाव में आप पार्टी किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी AAP
आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और पंजाब मामलों के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने बीते दिन सोमवार को कहा कि पार्टी 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, आप 2022 का चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी। किसी भी दल से गठबंधन नहीं होगा। पार्टी सभी 117 विधानसभा सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी।
दरअसल, पिछले दिनों राघव चड्ढा ने कहा था कि शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। न ही इसे लेकर दोनों दलों में कोई बात चल रही है। अब उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट कर दी है।
अकाली दल की ओर से आई थी प्रतिक्रिया
दूसरी ओर राघव चड्ढा के गठबंधन वाले बयान को लेकर पंजाब की राजनीतिक गलियारों में हलचले तेज हो गई थी। शिरोमणि अकाली दल ने चड्ढा के बयान को राजनीतिक रुप से अपरिपक्व बताया था। अकाली दल के नेता देविंदर सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी आप के साथ गठबंधन के लिए भीख नहीं मांग रही है।
2017 चुनाव में AAP को मिली थी 20 सीटें
बताते चले कि विधानसभा चुनाव 2017 में 117 विधानसभा सीटों वाले पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया था। जिसके बाद अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी जो अब अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा 20 सीटें आम आदमी पार्टी को मिली। शिरोमणि अकाली दल ने 15, बीजेपी ने 3 और लोक इंसाफ पार्टी ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया। अब पंजाब चुनाव 2022 में स्थिति क्या होगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।