कांग्रेस शासित पुडुचेरी की सियासत में हलचल काफी तेज है। आज विधानसभा में सीएम नारायणसामी बहुमत साबित करने में नाकाम रहे और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार धराशायी हो गई। विधानसभा स्पीकर ने कहा कि नारायणसामी (Narayansamy) सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई।
इसके बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया। 33 विधानसभा सदस्यों वाली पुडुचेरी में कांग्रेस के कई विधायक पिछले कुछ महीनों में इस्तीफा दे चुके हैं। मौजूदा समय में नारायणसामी सरकार के समर्थन में मात्र 12 विधायक बच गए थे, जबकि विपक्षी दलों के पास 14 विधायक मौजूद हैं।
राज्य में आने वाले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्रदेश में राष्ट्रपित शासन लग सकता है या फिर कुछ समय के लिए नई सरकार का गठन भी हो सकता है।
पुडुचेरी सरकार में उथल पुथल
पिछले कुछ महीनों से नारायणसामी (Narayansamy) के समर्थक विधायक इस्तीफा दे रहे थे। बीते दिन रविवार को कांग्रेस और डीएमके के 1-1 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। जिससे नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई और आज विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकाम रही।
पूर्व मंत्री ए नमसिवायम (अब बीजेपी में) और मल्लाडी कृष्ण राव समेत कांग्रेस के 4 विधायकों ने इससे पहले इस्तीफा दिया था, जबकि पार्टी के एक अन्य विधायक को अयोग्य ठहराया गया था। मुख्यमंत्री नारायणसामी के करीबी बताए जाने वाले ए जॉन कुमार ने भी पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।
केंद्र सरकार और किरण बेदी पर लगे आरोप
आज विधानसभा में नारायणसामी ने बागी विधायकों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार होना चाहिए। जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है वे जनता का सामना नहीं कर पाएंगे, क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी बुलाएंगे।‘ उन्होंने प्रदेश की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
नारायणसामी ने कहा, ‘पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र सरकार ने विपक्ष के साथ सांठगांठ की और सरकार गिराने की कोशिश की। हमारे विधायक एकसाथ खड़े थे, इसलिए हमने 5 सालों तक सरकार चलाने में कामयाब रहे। केंद्र सरकार ने हमारे अनुरोध पर फंड की मंजूरी नहीं देकर पुडुचरी के लोगों को धोखा दिया है।‘
विधानसभा में वी नारायणसामी ने कहा, ‘हमने डीएमके और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार का गठन किया था। उसके बाद हमने कई चुनाव लड़े। हमने सभी उपचुनावों में जीत हासिल किया। ये साफ है कि पुडुचेरी के लोग हमारे ऊपर भरोसा करते हैं।‘ बहुमत साबित करने में नाकाम होने के बाद नारायणसामी ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
पुडुचेरी में दोहराई गई मध्यप्रदेश की घटना
इससे पहले मध्यप्रदेश की सियासत में भी ऐसा देखने को मिल चुका है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में जीत हासिल कर कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने 1 साल में ही अपना बहुमत खो दिया था। कांग्रेस के तकरीबन 2 दर्जन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी से जा मिले थे।
जिसके बाद फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ बहुमत साबित नहीं कर पाए थे और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मौजूदा समय में पुडुचेरी में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। नारायणसामी सरकार का साथ छोड़ने वाले कई विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।