इन दिनों देश में किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई, सरकारी कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन समेत कई मुद्दों पर सियासत तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियां केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच जमकर बयानबाजियां हो रही है। इससे इतर गैर-बीजेपी शासित राज्यों में भी सियासत चरम पर है।
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी के बीच रिश्ते काफी पहले से ही ठीक नहीं है। दिल्ली का आलम भी कुछ ऐसा ही है। वहीं, केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में भी हालात ऐसे ही होते जा रहे हैं। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री काफी पहले से ये आरोप लगाते आ रहे हैं कि प्रदेश की उपराज्यपाल किरण बेदी सरकार के काम में अंडगा लगा रही है।
इसी बीच सीएम वी नारायणसामी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और किरण बेदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल किरण बेदी पुडुचेरी को पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में मिलाना चाहते हैं।
सरकार के काम में अडंगा लगा रही किरण बेदी
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल, भाजपा के साथ धीरे-धीरे पुडुचेरी की सरकार के अधिकारों से वंचित कर रहे हैं और वे जनता द्वारा चुनी गई सरकार द्वारा प्रस्तावित कई कल्यणकारी और विकास योजनाओं को बाधित कर रहे हैं।‘
बीते दिन शुक्रवार को प्रदेश की राज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाने की मांग को लेकर सीएम नारायणसामी के नेतृत्व में सत्तारुढ़ पार्टी के नेताओं ने एक दिन का अनशन किया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने केंद्र सरकार और किरण बेदी पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी को तमिलनाडु में मिलाने की आशंका है।
10 फरवरी को राष्ट्रपति से मिलेंगे नेता
बता दें, शुक्रवार को अनशन पर बैठे सेकुलर डेमोक्रेटिक अलांयस (SDA) में शामिल दलों का मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने नेतृत्व किया। प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि किरण बेदी सरकार की विकास की योजनाओं में अडंगा लगा रही है।
इससे पहले भी कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों ने पुडुचेरी की उप-राज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाने की मांग को लेकर 8 जनवरी से लगातार तीन दिन प्रदर्शन किया था। सीएम नारायणसामी ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार बेदी को वापस नहीं बुलाती तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।
बताया जा रहा है कि पुडुचेरी कांग्रेस और समर्थक दलों के नेता 10 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं और साथ ही किरण बेदी को वापस बुलाने की मांग भी करने वाले हैं।