उत्तर प्रदेश के बलिया में पेपर लीक मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी के मामले ने लगातार तूल पकड़ा हुआ है। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में पत्रकार सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। पत्रकारों की रिहाई और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन लगातार तेज ही होता चला जा रहा है।
गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर आए पत्रकार
मामला इंटरमीडिएट का पेपर लीक हो से जुड़ा है। दरअसल, बीते दिनों इंग्लिश का पेपर लीक हुआ था, जिसके चलते परीक्षा को रद्द करना पड़ा था। पेपर लीक मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुछ लोगों की गिरफ्तारी की। इस दौरान पेपर लीक की खबर लिखने वाले जिले के तीन पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को भी अरेस्ट किया गया। अजित ओझा और दिग्विजय सिंह ‘अमर उजाला’ मीडिया संस्थान से जुड़े हैं। तो वहीं मनोज गुप्ता राष्ट्रीय सहारा के लिए काम करते हैं।
पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया। कहा जाने लगा कि जिन लोगों ने पेपर लीक किया उन पर पुलिस सख्त एक्शन लेने की बजाए पत्रकारों की आवाज दबाने के लिए उन्हें ही गिरफ्तार कर लिया गया। जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन कर इन पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई जा रही है। आरोप लग रहे हैं कि प्रशासन अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए निर्दोष पत्रकारों को फंसाने का काम कर रहा है। इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला माना जा रहा है।
निकाला गया कैंडल मार्च
पत्रकारों की इस लड़ाई में अब व्यापार मंडल और छात्र संगठन भी जुड़ रहा है। मंगलवार को शहर के अलग-अलग मंदिरों में बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया। साथ ही साथ इस दौरान पत्रकारों ने रेलवे स्टेशन से शहीद पार्क चौक तक कैंडल मार्च भी निकाला। पत्रकारों के इस कैंडल मार्च में व्यापारी नेताओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हाथों में जलती कैंडल लेकर पत्रकारों की गिरफ्तारी के विरोध में आवाज उठाई गई।
पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
वहीं पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस कांड के मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार करने का दावा किया है। मास्टरमाइंड की पहचान महाराजी देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक निर्भय नारायण सिंह के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटर राजीव प्रजापति के साथ मिलकर मास्टरमाइंड निर्भय नारायण सिंह ने पेपर लीक के इस कांड को अंजाम दिया। इसके लिए पैकेट से अंग्रेजी का प्रश्न पत्र निकाला गया था। कम्प्यूटर ऑपरेटर राजीव प्रजापति ने सुभाष चंद्र इंटर कॉलेज के टीचर अविनाश गौतम से इसे सॉल्व कराया। इसके बाद निर्भय ने पेपर की सॉल्व कॉपी 25 से 30 हजार रुपए में बेची। इस मामले में 46 लोगों की अब तक गिरफ्तारी की जा चुकी है।