Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ में तैनात डीएसपी जयसिंह परिहार का गुरुवार सुबह बीमारी के चलते निधन हो गया। मूल रूप से फतेहपुर जिले के शादीपुर गांव निवासी जयसिंह पुलिस विभाग में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में कासगंज ट्रैफिक पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी ड्यूटी महाकुंभ में लगी थी, लेकिन इसी दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां लगभग 15 दिनों तक इलाज चला, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
परिवार में मचा कोहराम, अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ- Prayagraj News
जयसिंह परिहार के निधन की खबर से परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। परिजनों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार कानपुर नगर के श्याम नगर स्थित निजी आवास से राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
पत्नी बिसुना सिंह और बेटियां जया और जागृति इस दुखद खबर से बेसुध हो गईं। पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारी शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
भाई के तेरहवीं संस्कार से पहले खुद दुनिया से विदा
यह हादसा और भी ज्यादा भावनात्मक हो जाता है, क्योंकि डीएसपी जयसिंह के छोटे भाई संजय सिंह परिहार का 17 फरवरी को निधन हो गया था। जयसिंह अपने भाई की तेरहवीं संस्कार की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
परिजनों के अनुसार, वह भाई के संस्कार कार्यक्रम में जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन इससे पहले ही उनकी सांसें थम गईं। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जहां एक महीने के भीतर दो भाइयों को खोने का गम असहनीय बन गया।
प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में चल रहा था इलाज
डीएसपी जयसिंह 15 दिनों से प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी थी, जिसके बाद इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
थानाध्यक्ष हनुमान प्रताप सिंह ने बताया कि सीओ साहब की बीमारी के चलते प्रयागराज में मौत हो गई। उनके निधन के बाद पुलिस विभाग में भी शोक की लहर दौड़ गई।
पुलिस महकमे में शोक की लहर
जयसिंह परिहार के अचानक चले जाने से पुलिस विभाग में गहरा शोक है। उनके निधन को पुलिस विभाग ने अपूरणीय क्षति बताया है।
अब, परिवार और विभाग दोनों के लिए यह एक कठिन समय है, जहां दो हफ्ते के भीतर दो मौतों का दर्द झेलना पड़ा। उनके योगदान और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा।