Prayagraj Mahakumbh Kachori shop Rent: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 14 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इसे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है। इस बार महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा (Prayagraj Mahakumbh 2025) और प्रशासन ने इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोग शामिल होंगे, जिससे यह ऐतिहासिक और भव्य बन जाएगा।
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महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रशासन और सरकार की ओर से व्यापक योजनाएं बनाई जा रही हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए व्यापारियों और दुकानदारों के लिए भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। महाकुंभ में दुकानें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस बार दुकानों के किराए ने सभी को चौंका दिया है। खास तौर पर प्रमुख स्थानों पर दुकानों का किराया काफी महंगा रखा गया है, जो आम लोगों के लिए चौंकाने वाला है।
महाकुंभ में दुकानों का किराया- Prayagraj Mahakumbh Kachori shop Rent
प्रयागराज महाकुंभ में दुकानों का किराया बहुत ऊंचे स्तर पर तय किया गया है। 30X30 फीट साइज की एक दुकान का किराया 92 लाख रुपये तय किया गया है। इतना किराया देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुंभ मेले में दुकानें लगाने की प्रक्रिया न सिर्फ कारोबारियों बल्कि बहुत बड़े निवेशकों के लिए भी अवसर बन गई है। भले ही कचौड़ी की एक प्लेट की कीमत 30 रुपये हो, लेकिन यहां करीब 900 वर्ग फीट की दुकानों का किराया 92 लाख रुपये हो सकता है, जो स्थानीय कारोबारियों के लिए बड़ी चुनौती है।
महाकुंभ की तैयारियां
महाकुंभ के लिए प्रशासन की ओर से कई बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इस बार महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। प्रयागराज मेला क्षेत्र में करीब 4000 हेक्टेयर यानी 15,840 बीघा क्षेत्र में यह मेला आयोजित किया जाएगा। इस बार मेला क्षेत्र में कई नई सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट प्रमुख है। इस रिवर फ्रंट का उद्देश्य श्रद्धालुओं को और भी बेहतर अनुभव देना है और साथ ही इसे ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाया गया है।
40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
महाकुंभ 2025 में करीब 40 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। यह संख्या पहले के आयोजनों से कहीं ज्यादा है और प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती बन सकती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा, जलापूर्ति, चिकित्सा सुविधा, साफ-सफाई और यातायात व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा बिजली, सड़क और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को महाकुंभ के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो।
10 हजार दुकानों का टारगेट
महाकुंभ को देखते हुए प्रशासन ने 10 हजार दुकानें बेचने का लक्ष्य रखा है (Prayagraj Mahakumbh Kachori shop Rent)। 2019 के कुंभ में 5721 दुकानों के लिए आवेदन आए थे। 2012 के महाकुंभ में यह आंकड़ा करीब 2000 था। उस समय ऑफलाइन टेंडर के जरिए आवंटन किया गया था। 2019 से टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया 13 नवंबर से चल रही है। अब तक करीब 2000 दुकानों के लिए टेंडर हो चुके हैं। गंगा की तराई में बनी दुकानों का किराया भी तीन से पांच लाख रुपये के बीच है।
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